चाबहार बंदरगाह के आईएनएसटीसी के साथ जुड़ने से मध्य एशिया में बढ़ेगी कनेक्टिविटी: सोनोवाल
punjabkesari.in Sunday, Jul 31, 2022 - 07:32 PM (IST)
मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि ईरान में स्थित चाबहार बंदरगाह का अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के साथ जुड़ाव होने से मध्य एशियाई देशों के साथ संपर्क सुविधा बढ़ेगी जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संबंध भी मजबूत होंगे।
अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) भारत की संकल्पना है और इस पहल का उद्देश्य आयात-निर्यात के रूस और यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश में लगने वाले समय को कम करना है।
चाबहार बंदरगाह को भारत की मदद से ही विकसित किया गया है और यह मध्य एशिया में वाणिज्यिक आवागमन का केंद्र है। भारत ईरान सरकार के साथ मिलकर चाबहार बंदरगाह में एक टर्मिनल के विकास में भी मदद दे रहा है।
चाबहार और आईएनएसटीसी के बीच संपर्क जोड़कर मध्य एशियाई बाजारों को जोड़ने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए मनाए जाने वाले ‘चाबहार दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में सोनोवाल ने कहा, ‘‘यह संपर्क मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी को तो बढ़ाएगा ही, इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।’’
सोनोवाल ने कहा कि मध्य एशियाई बाजार की संभावनाओं को देखते हुए भारत की अगुवाई में कनेक्टविटी की जो पहलें हो रही हैं उससे मध्य एशियाई देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित एवं वाणिज्यिक रूप से समक्ष पहुंच मिलेगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) भारत की संकल्पना है और इस पहल का उद्देश्य आयात-निर्यात के रूस और यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश में लगने वाले समय को कम करना है।
चाबहार बंदरगाह को भारत की मदद से ही विकसित किया गया है और यह मध्य एशिया में वाणिज्यिक आवागमन का केंद्र है। भारत ईरान सरकार के साथ मिलकर चाबहार बंदरगाह में एक टर्मिनल के विकास में भी मदद दे रहा है।
चाबहार और आईएनएसटीसी के बीच संपर्क जोड़कर मध्य एशियाई बाजारों को जोड़ने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए मनाए जाने वाले ‘चाबहार दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में सोनोवाल ने कहा, ‘‘यह संपर्क मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी को तो बढ़ाएगा ही, इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।’’
सोनोवाल ने कहा कि मध्य एशियाई बाजार की संभावनाओं को देखते हुए भारत की अगुवाई में कनेक्टविटी की जो पहलें हो रही हैं उससे मध्य एशियाई देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित एवं वाणिज्यिक रूप से समक्ष पहुंच मिलेगी।
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