बैंक विलय: कई राज्य स्तरीय बैंक समितियों के समन्वयक बदले जाएंगे
punjabkesari.in Monday, Mar 30, 2020 - 05:17 PM (IST)
मुंबई, 30 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) के समन्वयक बैंक बदलने का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय बैंक ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर एक अप्रैल से बनने वाले चार बैंकों को देखते हुए यह निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने चार मार्च को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार मजबूत और बड़े बैंक बनाने की अधिसूवना जारी कर दी। इससे छह बैंकों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। विलय की यह योजना एक अप्रैल से प्रभावी होनी है।
बैंकों के इस विलय से छह बैंक के समन्वयक बैंक की स्थिति में अनिवार्य बदलाव करने होंगे। इससे इन छह बैंकों के समन्यवक बैंक की जिम्मेदारी उनका विलय करने वाले बैंकों के पास चली जाएगी।
बैंकों की विलय योजना के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्र बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय होना है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक विलय के बाद दिल्ली में एसएलबीसी समन्वयक की जिम्मेदारी पीएनबी के पास आ जाएगी जो अभी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के पास है।
वहीं त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी एसएलबीसी की जिम्मेदारी पीएनबी के पास होगी। यह अभी युनाइटेड बैंक के पास है।
आंध्र प्रदेश में यह जिम्मेदारी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास होगी जो अभी आंध्रा बैंक के पास है। कर्नाटक में सिंडिकेट बैंक इस जिम्मेदारी को केनरा बैंक को दे देगा।
एसएलबीसी के साथ-साथ जिला स्तर पर भी ‘प्रमुख बैंक’ की स्थिति में बदलाव आएगा। नए वित्त वर्ष से करीब 111 जिलों में ‘प्रमुख बैंक’ (समन्वयक बैंक) बदल जाएंगे।
एसएलबीसी रिजर्व बैंक की ‘प्रमुख बैंक योजना’ के तहत काम करने वाली प्रणाली है। यह राज्य स्तर पर एक अंतर-संस्थागत मंच है जो बैंकिंग विकास के मुद्दों पर बैंक और सरकार के बीच समन्वय स्थापित करता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने चार मार्च को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार मजबूत और बड़े बैंक बनाने की अधिसूवना जारी कर दी। इससे छह बैंकों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। विलय की यह योजना एक अप्रैल से प्रभावी होनी है।
बैंकों के इस विलय से छह बैंक के समन्वयक बैंक की स्थिति में अनिवार्य बदलाव करने होंगे। इससे इन छह बैंकों के समन्यवक बैंक की जिम्मेदारी उनका विलय करने वाले बैंकों के पास चली जाएगी।
बैंकों की विलय योजना के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्र बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय होना है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक विलय के बाद दिल्ली में एसएलबीसी समन्वयक की जिम्मेदारी पीएनबी के पास आ जाएगी जो अभी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के पास है।
वहीं त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी एसएलबीसी की जिम्मेदारी पीएनबी के पास होगी। यह अभी युनाइटेड बैंक के पास है।
आंध्र प्रदेश में यह जिम्मेदारी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास होगी जो अभी आंध्रा बैंक के पास है। कर्नाटक में सिंडिकेट बैंक इस जिम्मेदारी को केनरा बैंक को दे देगा।
एसएलबीसी के साथ-साथ जिला स्तर पर भी ‘प्रमुख बैंक’ की स्थिति में बदलाव आएगा। नए वित्त वर्ष से करीब 111 जिलों में ‘प्रमुख बैंक’ (समन्वयक बैंक) बदल जाएंगे।
एसएलबीसी रिजर्व बैंक की ‘प्रमुख बैंक योजना’ के तहत काम करने वाली प्रणाली है। यह राज्य स्तर पर एक अंतर-संस्थागत मंच है जो बैंकिंग विकास के मुद्दों पर बैंक और सरकार के बीच समन्वय स्थापित करता है।
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