रहस्य: इतना बुरा प्रभाव पड़ता है मंगलवार के दिन नाखून काटने से !

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2015 - 04:11 PM (IST)

भारतीय ज्योतिष सिद्धांत के शास्त्रनुसार एक सप्ताह में सात दिवस माने जाते हैं। साप्ताहिक दिवस प्रणाली अनुसार हर दिवस पर किसी विशिष्ट ग्रह का आधिपत्य माना जाता है। उसी भांति हर दिन की रात पर भी किसी विशिष्ट ग्रह का आधिपत्य माना जाता है। जैसे मंगलवार के दिन पर भूमिपुत्र अंगारक मंगल का आधिपत्य है तथा मंगलवार की रात्री पर प्लूटो ग्रह अर्थात यम का आधिपत्य माना गया है। इसी प्रकार शनिवार के दिन शनिदेव का आधिपत्य है तथा रात्री पर राहू का आधिपत्य है। 

गोवत्स द्वादशी (बछवारस): पुत्र को बुरी बलाओं से बचाता है ये व्रत

भारतीय ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार सप्ताह के हर दिन के ग्रहस्वामी से जुड़ी हमारी कई विशेष मान्यताएं हैं जैसे बृहस्पतिवार के दिन कपड़े धोना निषेध माना गया है। ठीक वैसे ही शनिवार के दिन को बाल कटवाना भी दुर्भाग्य का सूचक माना गया है। अक्सर ऐसा सुनने में आता है की मंगलवार के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं मंगलवार के दिन नाखून काटना क्यों निषेध माना गया है तथा ऐसा करने पर क्या दुष्परिणाम मिलते हैं।  

रोगों से हैं परेशान तो ज्योतिषिय उपायों से करें समाधान

पृथ्वी ब्रह्मंड का एक छोटा सा अंश है। ब्रह्मंड में स्थित तारों व ग्रहों से निकलने वाली ऊर्जा का प्रभाव पृथ्वी के जीवों पर पड़ता है। इसी ब्रहमांडिय ऊर्जा से मानव मन व शरीर भी प्रभावित होता है। शरीर के प्रत्येक अंग पर ब्रहमांड से निकलने वाली उर्जा का प्रभाव पड़ता है, परंतु उंगलियों के अग्रभाग को सर्वाधिक संवेदनशील माना जाता है। उंगलियों के अग्रभाग को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रकृति ने कठोर नाखूनों से इन संवेदनशील हिस्सों की रक्षा करती है। 

धन, सुख और वैभव होते हुए भी मन रहता है परेशान तो पढ़ें...

मंगलवार के दिन नाखून कटवाने से नकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जो हमारे संवेदनशील हिस्सों को हानि देती है। भारतीय ज्योतिष सिद्धांत के शास्त्रनुसार नाखून त्वचा का संशोधित स्वरूप है जो की विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं से बने ऊतक का परिणाम है। त्वचा व नाखूनों पर बुध ग्रह का आधिपत्य है। बुध ग्रह को ग्रह मण्डल का राजकुमार माना जाता है। कालपुरुष सिद्धांत अनुसार बुध ग्रह को नपुंसक माना गया है तथा यह व्यक्ति के बुद्धि, त्वचा, नाखून, शत्रु, पीड़ा, रोग, व्याधि वाणिज्य पर अपना आधिपत्य रखते हैं।

साईं बाबा के दादा जी को स्वप्न में दर्शन देकर श्रीकृष्ण की पत्नी ने बनवाया अपना मंदिर

भारतीय ज्योतिष सिद्धांत के शास्त्रनुसार पृथ्वी पुत्र मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह माना जाता है तथा व्यक्ति के शरीर में जो हड्डी, मज्जा व रक्त का संचरण है उस पर मंगल का आधिपत्य माना गया है। कालपुरुष की स्थापित कुंडली में मंगल भाव संख्या एक अर्थात लग्न, भाव संख्या आठ अर्थात आयु भाव पर अपना आधिपत्य रखते हैं तथा कालपुरुष की स्थापित कुंडली में बुध ग्रह भाव संख्या तीन अर्थात बंधु व पराक्रम भाव तथा भाव संख्या छ: अर्थात रोग व शत्रु भाव पर अपना आधिपत्य रखते हैं। ज्योतिष शास्त्रानुसार बुध ग्रह और मंगल के बीच शत्रुता मानी जाती है। कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार मंगल व बुध के बीच सदैव षटाष्टक संबंध बनते हैं अर्थात छठा व आठवां संबंध बनता है। वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रहों के बीच बनने वाले षटाष्टक संबंध को अत्यंत कष्टकारी व अनिष्ट माना गया है। षटाष्टक संबंध या षटाष्टक योग ग्रहों के बीच युद्ध को संबोधित करता है जिसके कारण व्यक्ति को व्याधि, रोग, कष्ट, शत्रुता, दुर्भाग्य व आर्थिक हानी आदि भोगने पड़ते हैं। 

परिवार व अपना कई जन्मों तक कल्याण चाहने वाले यूं करें प्रार्थना

नेल-कटर, कैंची व ब्लेड अथवा हर उस धारदार औज़ार पर मंगल का आधिपत्य माना गया है। मंगलवार के दिन व्यक्ति के नाखून काटने पर ब्रह्माण्ड से आने वाली किरणें मानवीय मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं। मंगलवार के दिन नाखून काटने से शत्रुता प्रबल होती है, भौतिक सामग्री को हानि पहुंचती है, व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से बर्बाद होता है, हर प्रकार सम्पत्ति से हानि होती है, भाई-बहन से संबंध कटु होते हैं, आयु में कमी आती है, दुर्घटनाओं के योग प्रबल होते हैं। इसलिए इस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। शास्त्रानुसार कड़े दिन नाखून काटने से मनुष्य की आयु सात वर्ष घटती है क्योंकि इस दिन ग्रहों से आने वाली किरणें शरीर, बुद्धि, मन व भाग्य के लिए अत्यंत अशुभ मानी जाती हैं।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News