जम्मू में पीएचई कर्मी बंद कर सकते हैं पानी की सप्लाई, दी है चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 06, 2016 - 12:57 PM (IST)

जम्मू : नियमित करने की मांग को लेकर जे.एण्ड.के. पी.एच.ई. आई.टी.आई. ट्रेंड एण्ड सी.पी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले पी.एच.ई. कर्मियों ने प्रैस क्लब से लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय तक रैली निकाली। रैली में विभिन्न जिलों के वर्करों ने भी भाग लिया। रैली के दौरान यूनियन नेताओं ने सरकार को 10 दिन यानि 14 सितम्बर तक का अल्टीमेट देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 15 सितम्बर को संभाग में पेयजल आपूॢत ठप्प करने का सिलसिला आरंभ कर दिया जाएगा।

रैली का नेतृत्व करते हुए यूनियन के अध्यक्ष तनवीर हुसैन एवं महासचिव मनजीत सिंह ने कहा कि आज की रैली में 25 वर्षों से स्थायी वर्करों का गुस्सा फूटा है और आने वाले समय में इससे भी अधिक संख्या में वर्कर सरकार विशेषकर भाजपा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करेंगे क्योंकि जो सरकार वर्करों के हित की बात न करे, ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।

हुसैन ने कहा कि चुनाव से पूर्व डा. निर्मल सिंह और बाद में पी.एच.ई. मंत्री शाम चौधरी ने भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा लेकिन आज सरकार गठित हुए करीब डेढ वर्ष का समय होने पर भी उपमुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह व पीएचई मंत्री ने पीएचई कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं किया है।

पीएचई कर्मियों को करीब 34 माह को वेतन नहीं दिया गया है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता, तिलक राज, भानू प्रताप, जीवन सिंह, पवन कुमार, विजय कुमार, अर्जुन सिंह, प्रदीप कुमार, संजीव कुमार, सुभाष चन्द्र शर्मा, होशियार सिंह, निसार अहमद, सुरेन्द्र कुमार, अल्ताफ, रूफ, राकेश कुमार, सतपाल, अशोक कुमार, सोहन चौधरी, कुलदीप, भूषण कुमार, धनी राम, सुशील कुमार, संजय कुमार, राज कुमार, मुख्तयार, ब्रिजनंदा, शमशदीन ने भी प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया।
क्या मिलता है वर्करों को प्रतिमाह
संभाग में 16,070 सी.पी. वर्कर और 1743 आई.टी.आई. प्रशिक्षित कर्मी दिन रात एक करके आवश्यक सेवाओं को बनाए रखे हुए हैं। वर्करों का रोष है बढ़ती महंगाई के दौरान आई.टी.आई कर्मियों को 4500 रूपए सी.पी. वर्करों को 3700 रूपए और नीड बेस वर्करों को 500, 900, 950, 1500, 2100 और 3300 रूपए के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। अचरज ये है कि यूनियन का आरोप है कि सी.पी. वर्करों को वर्ष में केवल 3 बार वेतन दिया जाता है जबकि कश्मीर संभाग में पीएचई कर्मियों को हर सुविधा प्राप्त है।
     
 


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