PM मोदी चाहते हैं जम्मू-कश्मीर में जल्द खत्म हाे खून खराबाः महबूबा मुफ्ती

punjabkesari.in Saturday, Aug 27, 2016 - 03:33 PM (IST)

नई दिल्ली:  जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि कश्मीर में सभी हितधारकों के साथ वार्ता की खातिर वार्ताकारों के एक संस्थागत तंत्र का गठन किया जाना चाहिए जो देश के भीतर के पक्षकारों और साथ ही पाकिस्तान के साथ बातचीत की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति को आगे बढ़ाए। 

कश्मीर में रूके रक्तपात
उन्होंने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और कश्मीर घाटी की स्थिति पर चर्चा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह (मोदी) स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्होंने वहां जारी ‘रक्तपात’ रोकने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है ताकि राज्य मौजूदा संकट से बाहर आए। प्रधानमंत्री हम सभी की तरह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि यह रक्तपात रूके ताकि राज्य मौजूदा संकट से बाहर आए।

पाक ने नहीं दिखाया शिष्टाचार
महबूबा ने पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करने की साहसिक पहल की और बाद में लाहौर गए। लेकिन बदकिस्मती से इसके बाद पठानकोट में आतंकी हमला हुआ।’ बाद में जब स्थिति खराब थी और पाकिस्तान कश्मीर में जारी संकट को हवा दे रहा था तब हमारे गृह मंत्री राजनाथ सिंह लाहौर गए, लेकिन एक बार फिर बदकिस्मती से पाकिस्तान ने वह स्वर्णिम अवसर हाथ से जाने दिया और वह शिष्टाचार नहीं दिखाया जो एक मेहमान के प्रति दिखाया जाता है।’

वाजपेयी की कश्मीर नीति 
महबूबा ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन के वाजपेयी की कश्मीर नीति पर आधारित होने और उसे आगे बढ़ाने की बात कहते हुए याद किया कि उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल हो सकता है, इसका हल केवल वह प्रधानमंत्री कर सकते हैं जिनके पास दो तिहाई बहुमत हो। उन्होंने कहा, ‘अगर उनके (मोदी) कार्यकाल में एेसा नहीं हुआ तो फिर यह कभी नहीं होगा। मेरा मानना है कि वहां (पाकिस्तान) जाने का साहसी कदम उठाने वाले मोदी आज फिर कहेंगे कि हमें अपने खुद के लोगों से बात करनी चाहिए क्योंकि लोग मारे जा रहे हैं।’

कश्मीर मुद्दे का हल ढूढेंगे PM
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री संप्रग के उलट कश्मीर मुद्दे का एक स्थायी हल तलाशना नहीं भूलेंगे।’ महबूबा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता करने को कहा और यह एक संस्थागत तंत्र के जरिए ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘कृपया उन लोगों का एक समूह गठित करें जिन पर कश्मीर के लोगों को भरोसा हो कि वह जो भी कहेंगे वह दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों तक पहुंचेगी।’


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