जम्मू कश्मीर: भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी से शांति नहीं हो सकती

punjabkesari.in Tuesday, Sep 29, 2015 - 11:52 AM (IST)

जम्मू कश्मीर : विपक्ष नेशनल कांफ्रैंस (नैकां) अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ फारुक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी शांति और विकास के लिए उत्पादकता विरोधी है।

नैकां अध्यक्ष ने दुश्मनी और संघर्ष से समस्याओं को और अधिक जटिल बनने पर बल देते हुए उपमहाद्वीप में स्थायी शांति और विकास की तलाश के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच निरंतर वार्ता की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होने कहा कि सभी बकाया मुद्दों को सौहार्दपूर्ण माहौल में मेज पर हल करना एकमात्र तरीका है।

आज यहां विभिन्न जन प्रतिनिधियों और नैकां कार्यकर्ताओं के साथ राज्य में शांति और समृद्धि की बहाली के विषय पर विचारों के आदान प्रदान के दौरान फारुक ने कहा कि इतिहास इस तथ्य का गवाह है कि बंदूक या युद्ध के माध्यम से नही बल्कि मेज पर शांतिपूर्ण आम सहमति और वार्ता के माध्यम से कुछ हासिल हुआ है। आगे बढऩे और परिणाम हासिल करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को हल करना सही और उचित रणनीति है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता के लिए रक्तपात के अलावा दो देशों के बीच दुश्मनी, आतंकवाद, सीमाओं पर तनाव, युद्ध प्रमुख कारण हैं।उन्होने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के अलावा शांति और सौहार्द में अशांति से राज्य के सर्वांगीण विकास को बडा नुकसान उठाना पडा है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा क्षेत्रों को भी गंभीर झटकों का सामना करना पडा है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नैकां ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों के शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण समाधान का पक्ष लिया है और दो देशों के बीच वार्ता के लिए लगातार काम किया है। साथ ही नैकां जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों के लिए इस दिशा में काम करना जारी रखेगा।
उन्होने भारत और पाकिस्तान से जमीनी हालातों का संज्ञान लेने और सभी बकाया मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता के करीब आने की अपील की।

फारुक ने कहा कि नैकां जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। नैकां शांति, समृद्धि और राज्य के तीनों क्षेत्रों की एकता के लिए ²ढ़ है और अपने राजनीतिक एजेंडे के इस बुनिायदी सिद्धान को बनाए रखेगी। उन्होने नैकां कार्यकर्ताओं से लोगों की कठिनाइयों को कम करने की दिशा में पूरा ध्यान समर्पित करने और उनकी राजनीतिक गतिविधियों में सार्वजनिक सेवा को बेंचमार्क बनाने के लिए कहा।
 


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