रूस-चीन बैठक में पुतिन बोले- शी हमारे "प्रिय मित्र", बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार नहीं होने देंगे
punjabkesari.in Thursday, Dec 16, 2021 - 11:29 AM (IST)
बीजिंग: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को डिजिटल माध्यम से एक शिखर बैठक की जिसमें मानवाधिकारों से लेकर यूक्रेन की सीमा के निकट रूसी सैनिकों के जमावड़े समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा दोनों नेताओं ने अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान करते हुए उनके खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा बढ़ाई जा रही मुश्किलों का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक गठबंधन बनाने पर जोर दिया। वीडियो शिखर बैठक के दौरान हाल के हफ्तों में यूक्रेन की सीमा के पास हजारों रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर तनाव पर विचार-विमर्श किया गया ।
रूसी सैनिकों की सीमा पर तैनाती एक ऐसा कदम है जिसे लेकर कीव और पश्चिम ने आशंका जताई है कि मास्को नए आक्रमण की योजना बना रहा है। हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की किसी भी योजना से इंकार किया है और युद्धग्रस्त देश में अपने सैन्य जमावड़े के लिए कीव को दोषी ठहराया है।यह शिखर बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पुतिन की इसी तरह की डिजिटल बैठक के लगभग आठ दिन बाद हुई है। जैसे ही उन्होंने बुधवार की बैठक शुरू की पुतिन ने हाथ हिलाकर शी का स्वागत किया और उन्हें अपना “प्रिय मित्र” कहा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने बताया कि चीनी नेता ने उसी इशारे और मुस्कान के साथ जवाब दिया। पुतिन ने कहा, “निरंतर स्वच्छता और महामारी संबंधी प्रतिबंधों के बावजूद हम स्थायी संपर्क बनाए रखते हैं।”
शी के 2013 में चीन के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद से वह और पुतिन 36 बार मिल चुके हैं। रूसी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, इन बैठकों में जून में आयोजित वीडियो लिंक के माध्यम से एक बैठक भी शामिल है। दोस्ती के एक प्रमुख संकेत में, पुतिन ने कहा कि वह 2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में अगले साल फरवरी में शामिल होकर शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों के खिलाफ चीन के मानवाधिकार हनन को उजागर करने के लिए अमेरिका द्वारा आयोजित किए जा रहे राजनयिक बहिष्कार की धार को कुंद कर देंगे। पुतिन ने चीन के इस रुख का भी समर्थन किया कि ताइवान उसकी मुख्य भूमि का अभिन्न अंग है।
पुतिन ने कहा कि रूस ताइवान के सवाल पर चीनी सरकार की न्यायोचित स्थिति का कट्टर समर्थक होगा और चीन के हितों को कमजोर करने के लिए ताइवान के मुद्दे का इस्तेमाल करने वाली किसी भी ताकत का डटकर विरोध करेगा। अपने संबोधन में शी ने कहा कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों की आड़ में कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतें चीन और रूस के आंतरिक मामलों में दखल दे रही हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून को कुचल रही हैं। चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने शी के हवाले से कहा, “चीन और रूस को दोनों पक्षों के सुरक्षा हितों की अधिक प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए अपने संयुक्त प्रयासों को बढ़ाना चाहिए।”मास्को टाइम्स ऑनलाइन अखबार की खबर के मुताबिक पुतिन ने कहा कि उन्हें लगता है कि “ ये संबंध 21 वीं सदी में अंतर-राज्यीय सहयोग का एक वास्तविक उदाहरण” हैं।