US Elections : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप-बाइडेन में कड़ी टक्कर, मतदान कल

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2020 - 05:29 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमेरिका में 3 नवंबर मंगलवार को 46वें राष्ट्रपति के लिए मतदान होने जा रहा है। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन के बीच कांटे की टक्कर हो रही है। अब तक किए गए सर्वे में फिलहाल बिडेन का पलड़ा भारी दिख रहा है। इन चुनावों के बाद तय हो जाएगा कि करीब 232 साल पुराने लोकतांत्रिक देश के सर्वोच्च पद पर ट्रंप की वापसी होगी या जो बाइडेन के हाथ में अमेरिका की कमान होगी। आइए जानते हैं अमेरिकी चुनाव से जुड़ी कुछ खास बातें ...

 

दो चरणों को पार करना जरूरी
अमेरिका में चुनाव दौरान इलेक्शन डे यानि मतदान से पहले प्रत्याशियों को प्राइमरी और कॉकस दो चरणों को पार करना जरूरी होता है। ये वो चरण हैं, जिसमें लोग वोट डालकर पार्टी को बताते हैं कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार कौन है। इस पूरी प्रक्रिया को पार्टियां और उनके प्रत्याशी चुनाव में पहले कदम की तरह मानते हैं।

PunjabKesari

इलेक्शन डे अंतिम पड़ाव
इसके बाद डेलीगेट्स अपनी-अपनी पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में शामिल होते हैं और सभी राज्यों से जिस प्रत्याशी के डेलीगेट ज्यादा होते हैं, उसे उम्मीदवार घोषित कर दिया जाता है। इलेक्शन डे राष्ट्रपति चुनाव का अंतिम पड़ाव होता है। आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का प्राइमरी इलेक्शन फरवरी से मार्च के बीच होता है लेकिन कोरोना महामारी के चलते इश बार नवंबर में चुनाव करवाया जा रहा है। इलेक्शन डे का मतदान भी प्राइमरी की तरह ही होता है। फर्क इतना है कि प्राइमरी चुनाव में लोग डेलीगेट्स को चुनते हैं और यहां पर लोग इलेक्टर्स को चुनते हैं, जिसे इलेक्टोरल कोलाज कहा जाता है।

PunjabKesari

 राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कोलाज का अहम रोल

  • इलेक्टोरल कोलाज एक ऐसा ग्रुप, जिसे जनता चुनती है और फिर उसमें मौजूद इलेक्टर्स की संख्या के आधार पर राष्ट्रपति को चुना जाता है।
  • अमेरिकी इलेक्ट्रोरल कोलाज में 538 इलेक्टर्स होते हैं। इलेक्टर्स की यह संख्या अमेरिका के दोनों सदनों की सीटों का जोड़ होता है।
  • मतलब यह कि इलेक्ट्रोरल कोलाज में ऊपरी सदन सीनेट और निचला सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स दोनों के सदस्यों की संख्या का जोड़ आता है।
  • सीनेट में 100 सदस्य होते हैं और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 435 सदस्य होते हैं। दोनों को मिलाकर यह संख्या 535 बैठती है जबकि बाकी के तीन सदस्य अमेरिका के 51वें राज्य कोलंबिया से आते हैं।
  • हर राज्य से उतने ही इलेक्टर्स चुने जाते हैं, जितने उस राज्य से प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट के सदस्य होते हैं।
  • वोटरों के फैसले के अनुसार वे राष्ट्रपति उम्‍मीदवार के पक्ष में वोट देते हैं, जिसे भी 270 से ज्‍यादा वोट मिलते हैं वही अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुन लिया जाता है।
  • राष्‍ट्रपति की जीत के लिए 270 का आंकड़ा पार करना होता है।
  •  

2016 में 29 लाख की लीड के बावजूद हारी थी हिलेरी क्लिंटन
साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को करीब 29 लाख से अधिक लोगों ने वोट किया, फिर भी वो चुनाव हार गईं और डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ट्रंप के पक्ष में इलेक्टोरल कॉलेज रहा। इलेक्टोरल कॉलेज की व्यवस्था अमेरिका के संविधान में है। अगर इस बार भी यह डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में जाता है तो जो बिडेन के लिए यह बात निराशाजनक होगी। ट्रंप 270 के जादुई अंक तक कई रास्तों से पहुंच सकते हैं।

PunjabKesari

इलेक्टोरल कोलाज से फिर से जीत सकते हैं ट्रंप
यदि ट्रंप फ्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया जीत जाते हैं और उत्तरी कैरोलीना के साथ अरिजोना, जॉर्जिया, ओहायो को भी अपने नियंत्रण में रखते हैं तो उनकी राह 2016 की तरह ही आसान हो जाएगी। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि लड़ाई आसान नहीं है। फ्लोरिडा में 29 इलेक्टोरल वोट हैं और इसे ट्रंप के लिए सबसे मुश्किल बताया जा रहा है। अगर ट्रंप यहां हारते हैं तो दोबारा राष्ट्रपति बनना संभव नहीं होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News