पाकिस्तान में बेरोजगारी संकट बढ़ा, विदेशों में नौकरी पाने वालों की संख्या 27.6 प्रतिशत बढ़ी

punjabkesari.in Sunday, Jun 12, 2022 - 05:49 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार बदहाल होती जा रही है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि देश में रहने वाले नागरिक अब दूसरे देशों के पास शरण ले रहे हैं। एक रिपोर्ट में पाकिस्तान से विदेश जाने वाले लोगों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।  पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में ज्यादातर युवा विदेश में नौकरी पाना चाहते हैं। ऐसा ही एक खुलासा इस रिपोर्ट में हुआ है। 

 

 स्थानीय मीडिया ने बताया कि वर्ष 2021 में विदेश में नौकरी चाहने वाले पाकिस्तानियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बढ़कर 27.6 प्रतिशत हो गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पाकिस्तान में आर्थिक संकट के कारण रोजगार बाजार में गिरावट आई है। दरअसल, COVID महामारी ने पाकिस्तान में रोजगार के अवसरों को लेकर बड़ा झटका दिया। जिसका असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी काफी पड़ा। पाकिस्तान के प्रवासी प्रवासी रोजगार ब्यूरो ने वर्ष 2021 में 2,86,648 श्रमिकों को विदेशी रोजगार के लिए पंजीकृत किया। 

 

डान की रिपोर्ट के अनुसार, यह पिछले वर्ष की तुलना में 27.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान से विदेश में नौकरी के लिए जाने वाले लोग सऊदी अरब, ओमान और कतर गए हैं। इनमें कुल 54 प्रतिशत पाकिस्तानी ने सऊदी अरब, 13.4 प्रतिशत ओमान और 13.2 प्रतिशत कतर में जाने की मांग की है। इस बीच, यह भी देखा गया है कि 2020 की तुलना में 2021 में पंजीकृत प्रवासियों के मामले में तेजी से वृद्धि का रुझान है। 

 

प्रांतीय आंकड़ों को विभाजित करने से पता चलता है कि पंजाब प्रांत में 1,56,877 के साथ सबसे अधिक श्रमिक विदेश गए थे, इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 76,213 व्यक्ति थे। इस बीच, इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक ओपिनियन एंड रिसर्च (आईपीओआर) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के तीन साल के शासन की आलोचना की है। उन्होंने देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था के लिए इमरान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

 


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Content Writer

Tanuja

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