यूक्रेन ने रूस को हराने के लिए बनाया ‘Victory Plan’ ! समर्थन के लिए अमेरिका पहुंचे जेलेंस्की, पेंसिल्वेनिया गोला-बारूद फैक्टरी का किया दौरा
punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2024 - 11:53 AM (IST)
International Desk: यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) ने अत्यधिक कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को पेंसिल्वेनिया में गोला-बारूद ( Pennsylvania Ammunition Plant ) की उस फैक्टरी का दौरा किया जो रूसी बलों के साथ उनके देश की लड़ाई के लिए आवश्यक हथियारों में से एक का उत्पादन कर रही है। ‘स्क्रैंटन सेना गोला बारूद संयंत्र' के निरीक्षण के साथ ही अमेरिका की उनकी यात्रा शुरू हो गयी है और इस दौरान वह युद्ध में यूक्रेन के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे। वह मंगलवार और बुधवार को न्यूयॉर्क (New York) में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक को संबोधित करेंगे तथा फिर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ बृहस्पतिवार को वाशिंगटन में वार्ता करेंगे।
जेलेंस्की का काफिला जब रविवार दोपहर को गोला बारूद फैक्टरी की ओर जा रहा था तो यूक्रेनी झंडे लहराते हुए समर्थकों का एक छोटा दल उनकी सराहना के लिए आसपास एकत्र हो गया। फैक्टरी के आसपास के इलाके की सुबह से ही घेराबंदी कर दी गयी थी और वहां बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। स्क्रैंटन संयंत्र देश में उन चुनिंदा केंद्रों में से एक है जो तोपों के 155 एमएम के गोले का उत्पादन करता है और उसने पिछले एक साल में अपना उत्पादन बढ़ा दिया है। यूक्रेन को अमेरिका से पहले ही 30 लाख से अधिक 155 एमएम के गोले प्राप्त हो चुके हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine Russia war) के तीसरे साल में प्रवेश करने के साथ ही जेलेंस्की अब अमेरिका पर रूस के अंदरुनी इलाकों में वार करने में सक्षम लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर जोर डाल रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन अपने देश में निर्मित ड्रोन से मॉस्को को निशाना बना सकता है लेकिन वह अमेरिकी निर्मित मिसाइल से रूसी राजधानी में हमलों की अनुमति देने को लेकर हिचकिचा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका और उसके नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के सहयोगी यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं तो रूस उनके साथ भी ‘‘युद्ध'' करेगा।