हिंद प्रशांत के लिए ब्रिटेन-अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया ने बनाया त्रिपक्षीय गठबंधन ‘AUKUS''

punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 05:02 PM (IST)

 लंदन/वॉशिंगटन:  ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लिए एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस' (AUKUS) की घोषणा की है, ताकि वे अपने साझा हितों की रक्षा कर सकें और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने समेत रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर सकें।

 

‘‘ऐतिहासिक'' बताए जाने वाले इस नए गठबंधन ऑकस को बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित एक संयुक्त संबोधन के दौरान डिजिटल माध्यम से शुरू किया गया। इस गठबंधन के तहत तीनों राष्ट्र संयुक्त क्षमताओं के विकास करने, प्रौद्योगिकी को साझा करने, सुरक्षा के गहन एकीकरण को बढ़ावा देने और रक्षा संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक केंद्रों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर सहमत हुए। ऑकस की पहले बड़ी पहल के तहत अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से ऑस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाएगा, जिसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना है।

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस अवसर पर कहा, ‘‘ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं। हम भले ही भौगोलिक आधार पर अलग हों, लेकिन हमारे हित और मूल्य साझे हैं।'' इस डिजिटल संबोधन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी जॉनसन के साथ मौजूद थे। इस संबोधन के दौरान एक संयुक्त बयान जारी किया गया। जॉनसन ने कहा, ‘‘ऑकस गठबंधन हमें और निकट लेकर आएगा, एक नई रक्षा साझेदारी बनाएगा, नौकरियां पैदा करेगा और समृद्धि बढ़ाएगा। यह साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती जाएगी।''

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उन्होंने कहा कि नई साझेदारी का मकसद मिलकर काम करना और हिंद-प्रशांत की सुरक्षा एवं स्थिरता को संरक्षित रखना है। जॉनसन ने कहा, ‘‘हम हमारी मित्रता में एक नया अध्याय खोल रहे हैं और इस साझेदारी का पहला काम परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों का बेड़ा हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करना है।''उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देता हूं कि जिन पनडुब्बियों की बात की जा रही हैं, उनमें परमाणु हथियार नहीं होंगे, बल्कि वे परमाणु रिएक्टर से संचालित होंगी। हमारा काम हमारे परमाणु अप्रसार दायित्वों के पूरी तरह से अनुरूप होगा।''

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तीनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि पनडुब्बियां परमाणु शक्ति से संचालित होंगी और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। मॉरिसन ने कहा, ‘‘ऑकस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में …हमारे आसियान मित्रों, हमारे द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारों, क्वाड, फाइव आइज देशों और निश्चित रूप से हमारे प्रिय हिंद प्रशांत परिवार के साथ साझेदारी के हमारे बढ़ते नेटवर्क में हमारे योगदान को बढ़ाएगा। 


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Content Writer

Tanuja

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