दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप खरीदना चाहते हैं ट्रंप, डेनमार्क के राजनेता बोले-पागल हैं क्या ?

punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2019 - 05:11 PM (IST)

वॉशिंगटनः अपनी निजी जिंदगी और बेबाक बयानबाजी के लिए दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों फिर ट्रोल हो रहे हैं और इस बार मुद्दा है प्रापटी। ट्रंप को संपत्तियां खरीदने का काफी शौक है। राष्ट्रपति बनने से पहले वह रियल एस्टेट के बिजनेस में थे। उनके नाम पर ट्रंप टावर है। अब उनकी ख्वाहिशों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है। ट्रंप अब डेनमार्क से ग्रीनलैंड खरीदना चाहते हैं। इसको लेकर उन्होंने अपने सहयोगियों से चर्चा की व राय भी मांगी।

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ट्रंप के एक सहयोगी ने बताया कि राष्ट्रपति ने ग्रीनलैंड को खरीदने के लिए चर्चा की, हालांकि वह इसपर गंभीर नहीं थे। ये कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिकी नेता दुनिया के सबसे सबसे बड़े द्वीप, डेनमार्क के एक स्वायत्त क्षेत्र को खरीदने की कोशिश की। साल 1946 में अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने ग्रीनलैंड को खरीदने के लिए डेनमार्क को 100 मिलियन डॉलर देने का प्रस्ताव दिया था।

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हालांकि ट्रंप की ताजा कोशिशों पर व्हाइट हाउस और डेनमार्क ने कोई टिप्पणी नहीं की है। द्वीप के उत्तर-पश्चिम में ग्रीनलैंड पर अमेरिकी सेना का पहले से ही एक बड़ा एयरबेस है । इसपर 600 कर्मचारी हैं और देश की वैश्विक रडार प्रणाली में महत्वपूर्ण है। डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर डेनमार्क जाएंगे, हालांकि माना जा रहा है कि ग्रीनलैंड उनके एजेंडे में नहीं होगा। वॉल स्ट्रीट जनरल के मुताबिक ट्रंप को मालूम पड़ा था कि डेनमार्क को आर्थिक सहयोग की जरूरत है। पिछले साल डिनर के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को भी उठाया था।

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ग्रीनलैंड को खरीदने की बात सोचते हुए उन्होंने मेहमानों से पूछा था कि आप लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं। ट्रंप की योजना को डेनमार्क के कई राजनेताओं ने भी खारिज कर दिया।   डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति की योजना अप्रैल फूल मजाक से ज्यादा नहीं है। यह बकवास है।’’  रासमुसेन ने इसे सबसे घटिया मजाक बताया। डेनिस पीपुल्स पार्टी के प्रवक्ता सोरेन इस्पर्सेन ने कहा, 'यदि ट्रंप ग्रीनलैंड खरीदने के लिए गंभीर हैं तो इससे प्रमाणित होता है कि वह पागल हो गए हैं। डेनमार्क अपने 50 हजार लोगों को अमेरिका को बेच देगा, यह सोचना भी हास्यास्पद है।'

 

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ग्रीनलैंड के प्रीमियर किम कीलसेन ने साफ किया, ‘‘हमारा द्वीप अमेरिका समेत किसी भी देश से कारोबार और सहयोग के लिए खुला हुआ है। द्वीप किसी भी तरह से बेचा नहीं जाएगा।’’ ग्रीनलैंड की एक सांसद आजा चेमनिट्ज ने कहा, ‘‘हमारे द्वीप के खरीदे जाने योजना पर ट्रम्प को शुक्रिया। हम डेनमार्क से बेहतर और बराबरी पार्टनरशिप बनाए रखेंगे।’’ ग्रीनलैंड के अखबार सर्मितसियाक के एडिटर-इन-चीफ पॉल क्रारुप के मुताबिक, ‘‘डेनमार्क के अधिकार क्षेत्र में आने वाला हमारा द्वीप एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। ये हम तय करेंगे कि हमारा दोस्त कौन है?’’

 

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क्यों खास है ग्रीनलैंड
उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक महासागर के बीच स्थित यह द्वीप दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां कोयले और यूरेनियम की बहुतायत है। यहां करीब 57 हजार लोग रहते हैं। 20 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस द्वीप का 85 फीसद हिस्सा बर्फ से ढका रहता है।
 

 


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Tanuja

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