पुतिन-शी को चेतावनी! ट्रंप ने दिखाया हिरोशिमा से 10 गुना ताकतवर हथियार, US की नई ‘न्यूक्लियर मिसाइल’ से दुनिया में मचा खौफ

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 02:46 PM (IST)

Washington: संयुक्त राज्य अमेरिका के सुपरसिक्योर परमाणु कार्यक्रम का सबसे रहस्यमयी घटक AGM-181 Long Range Standoff (LRSO) लॉन्‍च क्रूज मिसाइल  सार्वजनिक दृश्य में पहली बार आई है। कैलिफोर्निया के ओवंस वैली में हालिया परीक्षण उड़ान के दौरान B-52H Stratofortress बमवर्षक के पंखों के नीचे LRSO जैसी स्टेल्थ मिसाइलें देखी गईं, जिनकी तस्वीरें और वर्णन वैश्विक रक्षा और सुरक्षा समुदाय में हलचल पैदा कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह प्रदर्शन केवल तकनीकी परीक्षण नहीं था बल्कि एक राजनीतिक-संदेश भी था  खासकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए। अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में आगे बढ़ाए जा रहे इस गोपनीय कार्यक्रम को न केवल आधुनिक परमाणु नीतियों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इसे अमेरिका के “डिटरेंस” (निवारण) ढांचे को मज़बूत करने की कोशिश भी माना जा रहा है।

 

क्या है LRSO ?

  • नाम:  AGM-181 Long Range Standoff (LRSO)
  • प्रकार: एयर-लॉन्च्ड क्रूज़-स्टाइल परमाणु सक्षम मिसाइल (स्टेल्थ क्षमता के साथ)
  • पोटेंशियल वारहेड क्षमता: रिपोर्ट्स के अनुसार 5 किलोटन से लेकर 150 किलोटन तक समायोज्य (yield-selectable) — यानी अधिकतम सीमा पर यह हिरोशिमा पर गिराए गए बम से करीब 10 गुना अधिक ऊर्जासंपन्न हो सकती है।
  • पारदर्शिता: मिसाइल को नॉन-रडार ट्रेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग प्रतिरोधी बनाने के लिए स्टेल्थ डिजाइन व एडवांस्ड नेविगेशन/कमान-नियंत्रण तकनीक बताई जा रही है।
  • लॉन्च प्लेटफॉर्म: परीक्षण में इसे B-52H Stratofortress के साथ देखा गया; आगे इसे B-21 Raider जैसे प्लेटफार्मों पर भी तैनात करने की योजना है।
  • उद्देश्य: दूरी से रक्षात्मक रडार और एयर डिफेंस को छलते हुए उच्च-मूल्य लक्ष्य (जैसे कमांड-कमान्ड सेंटर) पर सटीक और तेज़ प्रभाव पहुँचाना।

 

परीक्षण उड़ान  
29 अक्टूबर 2025 को एविएशन फोटोग्राफर इयान रेचियो ने ओवंस वैली में B-52H की एक उड़ान की तस्वीरें खींचीं। तस्वीरों का विश्लेषण करने पर विमान के पंखों के नीचे दो अज्ञात मिसाइलों के रूप में दिखाई देने वाले ऑब्जेक्ट मिले  जिन्हें कई रक्षा विशेषज्ञों ने LRSO के परीक्षण सैट-प्लेटफॉर्म के रूप में पहचाना। अमेरिका ने तकनीकी विवरण प्रकाशित नहीं किए, पर विख्यात रक्षा विश्लेषकों और फोटो-विश्लेषण से यह संकेत पहुँचा कि LRSO का अवलोकन संभव हुआ है।

 

अमेरिका क्यों विकसित कर रहा है LRSO? 
LRSO को अमेरिकी न्यूक्लियर ट्रायड (लैंड-सेट, सी-सेट, एयर-लॉन्च) के हवाई तत्त्व का आधुनिक प्रतिस्थापन माना जा रहा है खासकर पुराने AGM-86B को बदलने के लिए।आधुनिक रूसी और चीनी एयर डिफेन्स के समक्ष पारंपरिक क्रूज़ मिसाइलों की प्रभावशीलता घटती जा रही थी; LRSO का उद्देश्य इन्हीं चुनौतियों का सामना कर सकने की क्षमता देना है।  सार्वजनिक प्रदर्शन को विश्लेषक एक चेतावनी के रूप में भी पढ़ते हैं — वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों को याद दिलाना कि अमेरिका के पास अत्याधुनिक, त्वरित प्रतीक्षाबद्ध (prompt-strike) विकल्प मौजूद हैं।

 

कौन बना रहा और लागत
इस रक्षा-उपकरण का निर्माता Raytheon (अब RTX समूह का हिस्सा) प्रमुख ठेकेदार है, जिसमें कई उप-ठेकेदार और सरकारी आपूर्ति चैनल जुड़े हुए हैं।पेंटागन और सार्वजनिक अनुमानों के अनुसार LRSO कार्यक्रम की समग्र लागत अरबों डॉलर में है  कुछ रिपोर्टों में $16 अरब से अधिक का अनुमान है। कुल उत्पादन में लगभग 1,020 मिसाइलें लक्ष्य मान ली गई हैं, हर मिसाइल की इकाई लागत करोड़ों डॉलर के स्तर पर आंकी जा रही है (रिपोर्ट में $14 million प्रति यूनिट का हवाला) 


तैनाती लक्ष्य, संभावित क्षमताएँ और रणनीति
अमेरिकी वायुसेना ने कहा है कि LRSO को 2030 तक फ्रंट-लाइन सर्विस में रखा जाना है, जब यह AGM-86B के स्थान पर आ जाएगा। परमाणु निवारण (deterrence): LRSO से अमेरिका की रणनीतिक निवारण सक्रीयता बढ़ेगी यह प्रतिद्वंद्वी को आश्वस्त करेगा कि अमेरिका के पास न केवल रॉकेट/इंटरकॉन्टिनेंटल क्षमताएँ हैं, बल्कि प्रीमाइटिव, सटीक हवाई विकल्प भी मौजूद हैं। रूस और चीन जैसे देश इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में मान सकते हैं, जिससे संभावित प्रतिकिया-एस्केलेशन और औरा-नियंत्रण की दौड़ बढ़ सकती है।
 
 


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Content Writer

Tanuja