एक्सपर्ट का दावाः ग्रीनलैंड को लेकर आक्रामक ट्रंप,  24 घंटे में कर लेंगे कब्जा ! कनाडा को लेकर बताया प्लान

punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 12:22 PM (IST)

New York: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को लेकर विवादित बयान देकर दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने कहा है कि वह ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रंप के इस बयान ने ग्रीनलैंड के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो डेनमार्क का स्वायत्त क्षेत्र है।  ग्रीनलैंड, जो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर और आर्कटिक व्यापार मार्गों के केंद्र में स्थित है, अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह डेनमार्क पर निर्भर है। राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर एंथनी ग्लीज ने द सन  को दिए एक बयान में कहा कि अगर ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर सैन्य कब्जे का आदेश दिया, तो अमेरिकी सेना 24 घंटे से भी कम समय में इसे अंजाम दे सकती है। जानकारी  के अनुसार ग्रीनलैंड के पास अपनी कोई सैन्य शक्ति नहीं है और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी डेनमार्क पर है। डेनमार्क का रक्षा बजट लगभग 6 अरब पाउंड है, जो अमेरिका के रक्षा बजट से 100 गुना कम है।

 

डेनमार्क के पास 17,000 सक्रिय सैनिक हैं, जबकि ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए सीमित तटरक्षक बल तैनात हैं।  इसके विपरीत, अमेरिका पहले से ही ग्रीनलैंड में एक सैन्य अड्डा संचालित करता है, जहां नियमित रूप से अमेरिकी सैनिक मौजूद रहते हैं। यह अमेरिका की सैन्य ताकत को दर्शाता है और ग्रीनलैंड की कमजोर सुरक्षा क्षमता को उजागर करता है। अगर अमेरिका ग्रीनलैंड पर हमला करता है, तो डेनमार्क की उम्मीदें नाटो पर टिकेंगी। लेकिन प्रोफेसर ग्लीज का कहना है कि यह असंभव है कि नाटो का कोई सदस्य देश अमेरिका के खिलाफ सैन्य कदम उठाए। इसलिए, ग्रीनलैंड के लिए नाटो से मदद मिलना लगभग नामुमकिन है।   ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के लिए आर्थिक दबाव और सैन्य शक्ति दोनों की बात की है। उनका कहना है कि ग्रीनलैंड का अमेरिका में शामिल होना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। हालांकि, ग्रीनलैंड के लोग डेनिश नागरिक हैं और उनका खुद का एक शासी निकाय है।  ग्रीनलैंड प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र है। 

 

यह प्रमुख आर्कटिक व्यापार मार्गों के बीच में स्थित है। डेनमार्क के स्वायत्त क्षेत्र के रूप में ग्रीनलैंड का अपना शासी निकाय है। हालांकि इस द्वीप के लोगों के पास डेनिश नागरिकता है। दुनिया के सबसे बड़ा गैर-महाद्वीपीय द्वीप ग्रीनलैंड की आबादी सिर्फ 57,000 है। इसकी अपनी कोई रक्षात्मक क्षमता नहीं है। डेनमार्क ही ग्रीनलैंड की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। डेनमार्क का रक्षा बजट 6 अरब पाउंड है, जो अमेरिकी रक्षा बजट से 100 गुना कम है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर कब्जे की कोशिश की, तो यह छोटा युद्ध होगा, लेकिन इसके प्रभाव वैश्विक स्तर पर व्यापक हो सकते हैं।   ट्रंप ने ग्रीनलैंड के अलावा कनाडा सीमा को "कृत्रिम रेखा" बताते हुए उस पर भी टिप्पणी की है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या ट्रंप की नजर केवल ग्रीनलैंड तक सीमित है या अन्य देशों के क्षेत्रों पर भी है।  डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने न केवल ग्रीनलैंड बल्कि वैश्विक समुदाय को भी असमंजस में डाल दिया है।  

 

 कनाडा पर ट्रंप का बयान 
 ट्रंप के विवादित बयानों की फेहरिस्त में कनाडा को लेकर दिए गए बयान ने भी हलचल मचा दी है। ट्रंप ने हाल ही में कनाडा सीमा को "कृत्रिम रेखा" (artificial line) बताते हुए इसे अमेरिका और कनाडा के बीच की एक अप्राकृतिक विभाजन रेखा करार दिया। इसके बाद से अटकलें तेज हो गई हैं कि ट्रंप की नजरें सिर्फ ग्रीनलैंड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह कनाडा को लेकर भी कोई बड़ी रणनीति बना रहे हैं। ट्रंप ने कथित तौर पर यह कहा है कि अमेरिका और कनाडा के बीच की सीमा केवल राजनीतिक कारणों से बनाई गई एक "कल्पनात्मक रेखा" है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका और कनाडा के बीच के व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर अमेरिका का दबदबा कायम रहना चाहिए। हालांकि, ट्रंप ने सीधे तौर पर कनाडा पर कब्जे की बात नहीं कही है, लेकिन उनके इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कनाडा के कुछ हिस्सों को अमेरिका में शामिल करने की योजना बना सकते हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ग्रीनलैंड को लेकर उनके आक्रामक रुख ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है।  
 


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Content Writer

Tanuja

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