ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच समझौता, टिकटॉक के अमेरिकी संचालन पर हुआ बड़ा फैसला

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 10:11 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत में टिकटॉक को अमेरिका में बनाए रखने, व्यापार, टैरिफ, और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर बातचीत की पुष्टि करते हुए इसे “बेहद उपयोगी” करार दिया। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने टिकटॉक सौदे, फेंटेनाइल की तस्करी पर रोक, और रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की ज़रूरत जैसे मुद्दों पर प्रगति की है।

APEC समिट में होगी अगली मुलाकात

ट्रंप ने यह भी कहा कि वे और शी जिनपिंग अगले महीने दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन में आमने-सामने मुलाकात करेंगे। इसके अलावा अगले साल की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच पारस्परिक दौरे भी प्रस्तावित हैं। ट्रंप ने लिखा, “बातचीत अच्छी रही, हम दोबारा फोन पर बात करेंगे। टिकटॉक की मंज़ूरी अहम है और हम APEC में मिलने के लिए उत्साहित हैं।”

टिकटॉक को लेकर अहम समझौता

टिकटॉक का अमेरिका में संचालन बीते कुछ महीनों से विवादों में रहा है। अमेरिकी कांग्रेस ने आदेश दिया है कि अगर चीनी कंपनी बाइटडांस जनवरी 2025 तक अपनी अमेरिकी संपत्तियां नहीं बेचती, तो टिकटॉक को अमेरिका में बंद कर दिया जाएगा।

हालांकि, अब दोनों देशों के बीच इस पर लगभग अंतिम समझौता हो गया है। ट्रंप, जो मानते हैं कि टिकटॉक ने उन्हें युवाओं से जोड़ा और चुनाव में फायदा दिया, इस ऐप को बचाने के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को बयान दिया, “टिकटॉक एक कीमती प्लेटफॉर्म है और अमेरिका के हाथ में ही इसकी असली कीमत है, क्योंकि इसकी मंज़ूरी हमें ही देनी है।”

व्यापार और टैरिफ पर भी चर्चा

बातचीत में व्यापार और टैरिफ को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। ट्रंप ने मौजूदा टैरिफ नीति को आगे बढ़ाने की बात कही और कृषि उत्पादों की खरीद और फेंटेनाइल की रोकथाम पर चीन से सख्त कदमों की मांग की। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए हैं। जवाब में चीन ने भी कुछ कदम उठाए हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में खटास आई है।

अब भी कई विवाद बाकी

भले ही टिकटॉक को लेकर सहमति बन गई हो, लेकिन चीन तक सेमीकंडक्टर तकनीक की पहुंच और दुर्लभ-पृथ्वी खनिजों के निर्यात जैसे मुद्दों पर अमेरिका की चिंताएं बनी हुई हैं। ट्रंप प्रशासन यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि बातचीत में अमेरिका की स्थिति मज़बूत है, जबकि चीन टैरिफ और तकनीकी प्रतिबंधों से राहत की उम्मीद में है।


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News Editor

Parveen Kumar

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