पाकिस्तान में इजराइल के खिलाफ जबरदस्त रोष रैली, हजारों लोगों ने फ्री फिलीस्तीन के लगाए नारे
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 06:21 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में रविवार को हज़ारों लोग, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, गाजा में इज़राइली सेना द्वारा किए जा रहे कथित "नरसंहार" के विरोध में सड़कों पर उतर आए। जमात-ए-इस्लामी (JI) द्वारा आयोजित इस रैली में लोगों ने शाहराह फैसल पर मार्च किया और हाथों में फिलिस्तीनी झंडे व हैमास नेताओं की तस्वीरें लिए हुए प्लैकार्ड्स दिखाए। रैली का मकसद फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाना और पाकिस्तान की सरकार से यह आग्रह करना था कि वह अब्राहम समझौते (Abraham Accords) जैसे किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी न दे, जो फिलिस्तीनी जनता की इच्छा के खिलाफ हो।
Look at this crowd! 🔥
— Jamshaid 🇵🇸 (@JamshaidMsandhu) October 5, 2025
Karachi’s massive gathering tonight shows the world that Pakistan stands with Palestine! 🇵🇸 🇵🇰 #GazaMarchKarachi pic.twitter.com/ewSRbKQ2YM
शहर के विभिन्न हिस्सों से आने वाली दर्जनों कारवां नर्सरी बस स्टॉप के पास एक विशाल जुलूस में परिवर्तित हो गई, जिसमें लोग मोटरसाइकिल, कार और बसों में शामिल हुए। JI प्रमुख हाफ़िज़ नईमुर रहमान ने सरकार को चेतावनी दी कि पाकिस्तान की फिलिस्तीन नीति में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "पल्स्तीन के लिए विरोध केवल आज की नहीं, बल्कि दशकों पुरानी परंपरा है। गाजा का एकमात्र नेतृत्व हैमास है, और उसे पाकिस्तान द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए।" उन्होंने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र पर भी कड़ी आलोचना की।
Karachi: "Gaza Million March" – a massive crowd rallies with conviction!
— Naeem ur Rehman (@NaeemRehmanEngr) October 5, 2025
• One state: Palestine!
• Endorse Hamas's peace proposal!
• Stop the genocide in Gaza!
• Mr. Trump! Rein in Israel! pic.twitter.com/v13zDCYuFW
रहमान ने कहा, "गाजा में नरसंहार के लिए अमेरिका सीधे जिम्मेदार है और संयुक्त राष्ट्र पूरी तरह विफल रहा है।" उन्होंने पाकिस्तानी राजनीतिक वर्ग से भी स्पष्ट रुख अपनाने और फिलिस्तीनी और हैमास के समर्थन में कदम उठाने की अपील की। रैली में अन्य JI नेताओं जैसे डॉ. उसामा रज़ी, मोनेम जाफ़र और एडवोकेट सैफुद्दीन ने भी संबोधन दिया। रैली शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हुई, लेकिन पाकिस्तान और वैश्विक मुस्लिम समुदाय में गाजा के समर्थन और इज़राइल विरोध की चेतना को मजबूत किया।