चीन के उइगरों पर अत्याचारों के सबूतों का तीसरा डोजियर इंटरनेशनल कोर्ट में पेश

punjabkesari.in Saturday, Nov 13, 2021 - 12:52 PM (IST)

बीजिंगः चीन में उइगर मुस्लिमों पर चीनी अधिकारियों द्वारा किए  नरसंहार और मानवता विरोधी अपराधों की जांच के लिए सबूतों का तीसरा डोजियर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) को सौंप दिया गया है। पूर्वी तुर्किस्तान में निर्वासित सरकार ने कहा है कि यह नया सबूत ताजिकिस्तान के भीतर चीनी भागीदारी की सीमा को भी उजागर करता है।निर्वासित सरकार ने कहा है कि चीनी अधिकारी न सिर्फ उइगरों का पीछा कर रहे हैं बल्कि उन्हें निर्वासित करने, अपहरण करने और उन्हें गायब करने के मामलों में भी संलिप्त हैं।

 

बयान के अनुसार कि ताजिक क्षेत्र से गायब होने की भयावहता तीसरे डोजियर में दिए गए सबूतों में पुष्टि होती है। इससे पता चलता है कि चीन किस तरह से गैरकानूनी कार्य, जिनमें नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध शामिल हैं, उनमें लिप्त है। नए साक्ष्य को अंदरूनी गवाहों के साथ संकलित किया गया है। डोजियर  में ये भी बताया गया है कि कैसे उइगरों को लक्षित करने के लिए ताजिकिस्तान और मध्य एशियाई देशों में काम कर रहे चीनी अधिकारी तैनात किए गए हैं। डोजियर में एक उइगर शख्स इस बारे में बात करता है कि कैसे उसे ताजिकिस्तान में चीनी अधिकारियों के साथ काम करने के लिए मजबूर किया गया है।

 

इससे पहले तिब्बत की निर्वासित संसद के उपाध्यक्ष डोल्मा त्सेरिंग ने कहा है कि चीनी शासन के तहत तिब्बत में बौद्ध धर्म पर आधारित संस्कृति और जीवन शैली क्षेत्र में दांव पर है। इससे पूर्व तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा ने बुधवार को चीनी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा था कि वे विभिन्न संस्कृतियों की विविधता को नहीं समझते हैं। डोल्मा ने कहा कि तिब्बत में संस्कृति ही दांव पर है। तिब्बत में तथाकथित स्वतंत्रता पर बोलते हुए डोल्म त्सेरिंग ने कहा, यदि तिब्बत में आजादी है तो चीन सरकार वहां पर विश्व मीडिया को जाने की इजाजत क्यों नहीं देती। यह बताता है कि चीन कुछ ऐसा है जिसे छुपा रहा है।


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Content Writer

Tanuja

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