फ्रांस के रक्षा मंत्री का मास्क लगाकर ठगा 6.26 अरब का फंड

punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2019 - 05:04 PM (IST)

 

पेरिसः फ्रांस में धोखाधड़ी का अनोखा व चौंकाने वाला मामला सामने आया है यहां अपराधियों ने रक्षा मंत्री जीन येवेस ली ड्रिएन का सिलिकॉन मास्क तैयार कर अमीर लोगों से करीब 90 मिलियन डॉलर (करीब 6 अरब 26 करोड़ 22 लाख रुपए) की धोखेबाजी की है। इसमें चैटो मार्गोक्स वाइन के मालिक आगा खान सहित कई अमीर शख्सियतें शामिल हैं। लोगों को झांसे में लेने के लिए यह विश्वास दिलाने की जरूरत थी कि वे सच में फ्रांस के रक्षा मंत्री ली ड्रिएन से संपर्क कर रहे थे। इसके लिए रक्षा मंत्री का सिलिकॉन का मास्क बनाकर एक अपराधी ने स्काइप पर उनकी वीडियो कॉल कराई गई।

रक्षामंत्री का भेष धरे बहरूपिए ने तब मध्य पूर्व में इस्लामी आतंकियों के द्वारा बंधक बनाए गए पत्रकारों की रिहाई के लिए फिरौती देने के लिए वित्तीय मदद मांगी। चूंकि, फ्रांस आधिकारिक तौर पर बंधक बनाने वालों को फिरौती नहीं देता है। लिहाजा, फर्जी ली ड्रिएन ने यह सुनिश्चित करवाया कि भुगतान का पता नहीं लगाया जा सकेगा और इसके लिए चीन में एक बैंक में धन जमा कराने को कहा गया। उन लोगों में से कई को इस मामले में साजिश की बू आई। वहीं, कुछ लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी और यह हाल के समय के सबसे शानदार और सफल रैकेट में से एक बन गया। मैलेट के अनुसार बड़े व्यापारियों और कई अफ्रीकी सरकारों के प्रमुखों को फोन किए गए थे।

इसके साथ ही चर्च नेताओं जैसे बोर्डो के आर्कबिशप और एड्स फाउंडेशन, सिडक्शन जैसे चैरिटीज को भी फिरौती की रकम के लिए फोन किए गए थे। इस प्रणाली की शुरुआत में ली ड्रिएन के इनर सर्कल के सदस्य जैसे कि उसके विशेष सलाहकार जीन-क्लाउड मैलेट का दावा करने वाले किसी व्यक्ति के शुरुआती फोन कॉल से की। इस व्यक्ति ने खुद "मंत्री" के साथ बातचीत की व्यवस्था करने की बात कही। शुरुआत में ये "मंत्रिस्तरीय" बातें फोन पर हो रही थीं। मगर, तब लोगों को अधिक आश्वस्त करने की कोशिश में इस घोटाले को एक और कदम आगे ले जाते हुए अपराधियों ने वीडियो कॉल की व्यवस्था की। अब नकली ली ड्रिएन को न केवल रक्षा मंत्री की तरह आवाज बुलंद करनी थी, बल्कि उसे भी उसकी तरह दिखना था।

इसलिए, स्काइप पर आयोजित बैठकों में धोखेबाज ने कस्टम-मेड ली ड्रिएन मास्क पहना और ली-ड्रिएन के मंत्री कार्यालय के एक कार्यस्थल में बैठे। इस ऑफिस में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां के चित्र और झंडे लगे हुए थे। मगर, इसके लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री की पहचान ही क्यों चुराई गई, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। ली ड्रिएन के वकील डेल्फिन मीलेट ने कहा कि इस कहानी के बारे में सब कुछ असाधारण है। अपराधियों ने एक सेवारत फ्रांसीसी मंत्री की पहचान ली, फिर उन्होंने सरकार के सीईओ और दुनियाभर की सरकारों के प्रमुखों को फोन करके बड़ी मात्रा में धनराशि मांगी।

हालांकि, ड्रिएन को ही क्यों चुना गया था, यह पूरी तरह से एक्सप्लेन नहीं किया गया है। मगर, संभवतः यह तथ्य है कि रक्षा मंत्री होने की वजह से फिरौती की मांग की बात उनके पास आती। अब फ्रांस में इस मामले की न्यायिक जांच हो रही है। दोषी ठहराए गए फ्रेंच-इजरायली कॉन-आर्टिस्ट गिल्बर्ट चिकली नामक व्यक्ति पर ही यह जांच केंद्रित है। वह वर्तमान में पेरिस में यूक्रेन से प्रत्यर्पण के बाद जेल में है और संगठित धोखाधड़ी और पहचान के आरोपों का सामना कर रहा है। ट्यूनीशियाई यहूदी पृष्ठभूमि का चिकली, पूर्वोत्तर पेरिस के श्रमिक वर्ग बेलेविल पड़ोस में पला-बढ़ा है।


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Tanuja

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