थाईलैंड मिशन: दुनिया के सबसे बड़े रेसक्यू ऑपरेशन को गोताखोरों ने ऐसे दिया अंजाम
punjabkesari.in Wednesday, Jul 11, 2018 - 11:26 AM (IST)
मे साई (थाईलैंड): थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में 23 जून से फंसे 12 बच्चों और उनके कोच को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। 18 दिन के इस ‘मिशन इम्पॉसिबल’ पर दुनियाभर की निगाहें थीं। इसे दुनिया का सबसे बड़े अद्भुत रैस्क्यू आप्रेशन माना जा रहा है। 40 थाईलैंड के और 50 दूसरे देशों के गोताखोरों ने इस ऑप्रेशन को अंजाम दिया। विशेषज्ञों तक का दावा था कि यह नामुमकिन काम है। हफ्ते भर तो अधिकारियों को यह समझने में लग गए कि उन्हें निकालें कैसे।
Respect to #British #Divers, See the sort of risks they are taking to reach the #ThaiCaveBoys . You can imagine how dangerous it is for the kids to come out through the same route. Watch the video and please Retweet. #britishdivers #ThaiCaveRescue #thailandRESCUE #caverescue pic.twitter.com/RV2C7ZhyJX
— Zia Hyder Sohel (@ZiaHyder7) July 9, 2018
गुफा के प्रवेश द्वार से 3.2 कि.मी. दूर फंसे थे बच्चे
गुफा के मुख्य प्रवेश द्वार से बच्चों के फंसे होने की जगह 3.2 किलोमीटर दूर थी। इसमें कुछ हिस्सों में पानी था। अंधेरे की वजह से इसमें देख पाना भी मुश्किल था। इसके अलावा संकरे रास्ते अभियान में बड़ी रुकावट थे। थाईलैंड के अलावा अमरीका, चीन, जापान, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के 90 गोताखोर बचाव कार्य में लगे थे। एक हजार से ज्यादा जवान और एक्सपर्ट इस अभियान में मदद कर रहे थे।
Hooyah! Thai Cave Rescue Mission Accomplished: Soccer team all out of cave :)
— Samiksha Bhatnagar (@SamikshaBhatna1) July 11, 2018
Kudos to the Thai Navy SEALs & all on the successful and daring rescue mission from the treacherous cave in Thailand ended a grueling, 18-day ordeal. Glimpse of British divers leading #ThaiCaveRescue pic.twitter.com/2S5svwm8kl
मिशन के हीरो बने ब्रिटिश गोताखोर
ब्रिटिश गोताखोर जॉन वोलेंनथन और रिक स्टैटन मिशन के हीरो बने हैं। दोनों ब्रिटिश गोताखोरों ने पिछले सप्ताह मंगलवार को गुफा के कई किलोमीटर अंदर एक मिट्टी के टीले से सभी 13 लोगों को देखा था और उनके जिन्दा होने की पुष्टि की थी।
कैसे निकाले गए बच्चे
सबसे पहले गुफा के अंदर एक बेस बनाया गया जहां से फाइनल रैस्क्यू ऑप्रेशन चलाया जा रहा था। 8 जुलाई को यह तय किया गया कि हर बच्चे को बाहर निकालते वक्त 2 गोताखोर होंगे। एक गोताखोर बच्चे को अपने साथ लिए होगा और दूसरा उनके पीछे होगा। इस ऑप्रेशन को पूरी दुनिया का सपोर्ट मिलने के साथ ही सबसे अच्छी बात यह रही कि 17 दिन तक गुफा में रहने के बावजूद बच्चों का मैंटल हैल्थ बड़ा ही बैलेंस था। बच्चों के लापता होने के 9 दिन बाद जब पहला वीडियो सामने आया तो उसमें बच्चे मदद को देखकर काफी खुश नजर आए थे।