रूस के 3 लड़ाकू विमान NATO के हवाई क्षेत्र में घुसे, तनाव बढ़ा; अब बस ट्रंप के इशारे का इंतजार!
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 06:25 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः रूस के तीन मिग-31 लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार को नाटो सदस्य एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश किया और करीब 12 मिनट तक फिनलैंड की खाड़ी के ऊपर उड़ान भरी। यह घटनाक्रम एस्टोनिया के लिए एक बार फिर सुरक्षा चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि रूस ने इस वर्ष अब तक चार बार एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। इस बीच, नाटो सदस्य देश इस आक्रामक रूसी कदम के जवाब में रणनीतिक कार्रवाई की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इशारे और सहमति का इंतजार भी चल रहा है।
घटना का विवरण और एस्टोनिया की प्रतिक्रिया
एस्टोनियाई अधिकारियों ने बताया कि ये तीन मिग-31 फाइटर जेट बिना कोई उड़ान योजना प्रस्तुत किए और बिना हवाई यातायात नियंत्रण के साथ कोई रेडियो संपर्क स्थापित किए अचानक एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए। विमान लगभग 12 मिनट तक फिनलैंड की खाड़ी के ऊपर रहे जिसके बाद सुरक्षा बलों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी।
एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गस त्सखना ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया, “रूसी लड़ाकू विमानों का एस्टोनिया की हवाई सीमा में घुसना और 12 मिनट तक वहां रहना बिल्कुल अस्वीकार्य है। रूस ने इस साल अब तक हमारी सीमाओं का चार बार उल्लंघन किया है जो बेहद चिंता का विषय है।”
उन्होंने आगे कहा, “रूस की बढ़ती आक्रामकता और सीमा परीक्षणों का सामना करने के लिए राजनीतिक और आर्थिक दबाव तेजी से बढ़ाना होगा। हम इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” घटना के तुरंत बाद, एस्टोनिया ने रूस के chargé d’affaires को तलब कर घटना पर कड़ी आपत्ति जताई और जवाब मांगा। इसके साथ ही नाटो भी इस गंभीर उल्लंघन पर गहराई से चर्चा कर रही है।
नाटो और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
NATO के एक प्रवक्ता ने इस घटना को “रूसी गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार का एक और उदाहरण” बताया और कहा कि गठबंधन पूरी सतर्कता के साथ किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार है।
यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा कालस ने इस घटना को “बेहद खतरनाक और अनावश्यक उकसावे” के रूप में खारिज करते हुए रूस पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “रूस पश्चिमी देशों की एकता और संकल्प की परीक्षा ले रहा है, हमें कमजोर नहीं पड़ना है।”
इससे पहले इस महीने रूस की ओर से पोलैंड और रोमानिया की वायु सीमाओं का भी उल्लंघन हुआ था, जिस पर NATO के सदस्य देशों ने सुरक्षा बढ़ाने का ऐलान किया था।