भारत का जायका परोस रहा केपटाउन का ‘बिहारी'' , ग्रीम स्मिथ से लेकर केशव महाराज और धोनी चख चुके स्वाद

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2024 - 05:18 PM (IST)

केपटाउन: भारत से हजारों मील दूर दक्षिण अफ्रीका के  खूबसूरत शहर केपटाउन में एक रेस्तरां का नाम ‘बिहारी' है लेकिन मेनू में लिट्टी चोखा या चंपारन मीट नहीं मिलेगा बल्कि तंदूर में पकते सात किस्म के नान, देग पर चढ़ी दाल मखनी और थालियों में सज रहे बटर चिकन को देखकर उत्तर भारत का कोई ढाबा याद आता है। इस रेस्तरां में उमड़ी भीड़ भारतीय जायके की लोकप्रियता की बानगी देती है।  यह केपटाउन के सबसे व्यस्त रेस्त्रां में से एक है। बटर चिकन से लेकर बिरयानी और भुना गोश्त से लेकर लैंब विंडालू तक, सब कुछ यहां मिल जाएगा। दरवाजे पर स्वागत के लिये रॉयल बंगाल टाइगर की कलाकृति, दरवाजे पर और रिसेप्शन पर गणपति के वॉल स्टीकर, पार्श्व में बजते पुराने बॉलीवुड गीत और वेटर का नमस्कार के साथ अभिवादन। ‘बिहारी' के कोने-कोने पर भारतीयता का अहसास है।

 

न्यूलैंड्स स्टेडियम के पास सदर्न सन होटल में स्थित इस भारतीय रेस्त्रां के व्यंजनों का स्वाद ग्रीम स्मिथ से लेकर केशव महाराज तक और महेंद्र सिंह धोनी से लेकर विराट कोहली तक चख चुके हैं । लंदन में जन्मी डोन्ना रोस ने पंद्रह साल पहले न्यूलैंड्स में भारतीय खाने की तलाश में इस रेस्त्रां की शुरूआत की थी तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन स्थानीय लोगों के साथ दक्षिण अफ्रीका और यहां दौरे पर आने वाले भारतीय क्रिकेटरों को भी इसका स्वाद इतना पसंद आयेगा। रेस्त्रां मैनेजर मेगन ने ‘भाषा' को बताया, ‘‘डोन्ना लंदन में भारतीय खाने की दीवानी थी लेकिन यहां आकर बसने के बाद उन्हें वैसा खाना नहीं मिला। जब उन्हें यह रेस्त्रां खोलने का मौका मिला तो उनके लिये यह सोने पे सुहागे जैसा था। यहां सारे शेफ उत्तर भारत के हैं जो ताज ग्रुप समेत कई बड़े होटलों में काम कर चुके हैं।'' ‘

 

बिहारी' नाम रखने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के एक लोकप्रिय प्रदेश का नाम है और साथ ही एक हिंदू देवता (कृष्ण) का भी। हमें गूगल पर भी यह काफी खोजा गया शब्द लगा तो हमने यही नाम चुना।'' उत्तराखंड से यहां आये मुख्य शेफ जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया, ‘‘सुनील गावस्कर, धोनी और कोहली भी यहां आ चुके हैं। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के केशव महाराज ने हफ्ता भर यहीं खाना खाया। वह शाकाहारी हैं और उन्हें यहां दाल मखनी और पनीर बहुत पसंद आया।'' बटर चिकन, कोरमा, ग्रिल की हुई चीजें, चिकन मलाई टिक्का यहां सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है जिसके लिये सुबह ही से तंदूर लग जाता है। खाना पारंपरिक तौर पर कोयले पर पकता है और मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाता है।

 

लैंब रोगन जोश, शमी कबाब, प्रॉन कोरमा, बटर चिकन और पनीर टिक्का के अलावा समोसा यहां काफी लोकप्रिय है। शेफ रविंदर सिंह ने बताया, ‘‘हम अलग-अलग ग्रेवी बनाकर रख लेते हैं। इसके बाद ग्राहक की पसंद के अनुसार तीखा या सादा परोसा जाता है। मसाले पहले तो भारत से ही आते थे लेकिन अब कुछ यहां भी मिलने लगे हैं। सुबह से देर रात तक तंदूर चालू रहता है जिसमें स्नैक्स के साथ सात तरह के नान (पेशावरी, बटर, चिली, चीज गार्लिक वगैरह) बनाये जाते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘शुक्रवार से रविवार तक तो यहां पैर रखने की जगह नहीं होती। यहां हैदराबादी बिरयानी के लिये प्री बुकिंग करानी पड़ती है जिसकी डिलिवरी भी बहुत ज्यादा होती है।'' रेस्त्रां में मौजूद दक्षिण अफ्रीका की एना ने कहा कि उन्हें भारतीय खाना बहुत पसंद है और वह लगभग हर सप्ताह यहां आती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यहां का लैंब वंडालू मेरा फेवरिट है। मेरे दोस्तों को भी यह जगह बहुत पसंद है और हम अक्सर यहां आते हैं। भारतीय खाना काफी मसालेदार और स्वादिष्ट होता है और हमें बार-बार खींच लाता है।''  


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Content Writer

Tanuja

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