US ड्रोन हमले में मारे जाने से पहले तालिबान चीफ मंसूर ने पाकिस्तान में करवाया था जीवन बीमा

punjabkesari.in Monday, Dec 14, 2020 - 01:33 PM (IST)

 पेशावरः आतंकी फंडिंग मामले की सुनवाई के दौरान तालिबान के प्रमुख आंतकी मुल्ला अख्तर मंसूर को लेकर बेहद दिलचस्प बात सामने आई है। लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने वाला यह आंतकी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा जा चुका है। लेकिन मंसूर ने अपनी मौत से पहले पाकिस्तान में एक फर्जी पहचान इस्तेमाल करके जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी थी और उसके प्रीमियम के रूप में 3 लाख रुपए का भुगतान किया था।  मंसूर 21 मई, 2016 को पाकिस्तान-ईरान सीमा के निकट हुए अमेरिकी ड्रोन के हमले में मारा गया था।  वह जुलाई 2015 में अफगान-तालिबान का प्रमुख बना था।

 

मंसूर और उसके भगौड़े साथियों के खिलाफ शनिवार को हुई आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के एक मामले की सुनवाई के दौरान बीमा पॉलिसी के बारे में जानकारी मिली।  'डॉन' समाचार पत्र  के अनुसार  बीमा कंपनी ने मामले की सुनवाई के दौरान कराची में आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) को बताया कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने मंसूर और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान पता चला कि मंसूर और उसके साथी 'फर्जी पहचानों" के आधार पर संपत्तियां खरीदकर आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने में मदद करते थे। उसने कराची में 3 करोड़ 20 लाख रुपए की कीमत के भूखंडों और मकानों समेत पांच सम्पत्तियां भी खरीदी थी।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में यह सामने आया कि मंसूर ने 21 मई, 2016 को ड्रोन हमले में मारे जाने से पहले एक फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके ''जीवन बीमा पॉलिसी" खरीदी थी और कंपनी को तीन लाख रुपए दिए थे।  रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बीमा कंपनी ने मंसूर से प्राप्त मुख्य राशि लौटाने की इच्छा जाहिर करते हुए जांचकर्ताओं को अदालत में जमा करने के लिए तीन लाख रुपए का चेक दिया था ताकि इस राशि को सरकारी कोष में जमा कराया जा सके।  उन्होंने कहा, ''हालांकि जांचकर्ताओं ने चेक लौटा दिया और कंपनी से मुख्य राशि के साथ प्रीमियम भी देने को कहा ताकि पूरी रकम सरकारी कोष में जमा की जा सके।


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Tanuja

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