पन्नू की धमकी के सवाल पर US राजदूत ने भारत को ही दे दिया 'ज्ञान', कहा- नहीं लांघी जानी चाहिए 'लाल रेखा'

punjabkesari.in Monday, Apr 01, 2024 - 11:41 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में अब भारत को ही ज्ञान देना शुरू कर दिया है।  गार्सेटी ने यह स्वीकार करते हुए कि कहा कि भारत और अमेरिका खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश की जांच में मिलकर काम कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच ' लाल रेखा' नहीं लांघी जानी चाहिए। खालिस्तानी मार्च और पन्नू द्वारा जारी धमकियों का जिक्र करते हुए  गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली "बेहतर या बदतर" के लिए स्वतंत्र भाषण की रक्षा करती है, जबकि एक अमेरिकी नागरिक को केवल देश के कानूनों के अनुसार दोषी ठहराया जा सकता है या निर्वासित किया जा सकता है। । खालिस्तानियों के विरोध प्रदर्शन और पन्नू की धमकियों पर सवालों का जवाब देते हुए एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हर हाल में रक्षा करती है और वह बेहतर या बदतर कुछ भी हो सकता है।

 

बता दें कि पिछले साल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी दी थी कि 19 नवंबर को एयर इंडिया को उड़ान भरने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद, उन्होंने 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर भारतीय संसद पर हमले की भी धमकी दी। हालांकि, अमेरिकी राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि "लाल रेखा" को पार नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी देश का कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी विदेशी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह बिल्कुल महत्वपूर्ण है। हममें से किसी के लिए  संक्षेप में, वह एक लाल रेखा होनी चाहिए। कोई भी सरकार या सरकारी कर्मचारी आपके ही किसी नागरिक की कथित हत्या में शामिल नहीं हो सकता। गार्सेटी ने कहा, यह सिर्फ एक अस्वीकार्य लाल रेखा है।" गार्सेटी ने कहा, "कोई भी देश, जिसकी सरकार का कोई सक्रिय सदस्य किसी दूसरे देश में अपने किसी नागरिक की हत्या करने की कोशिश में शामिल हो, मुझे लगता है कि यह आम तौर पर किसी भी देश के लिए एक खतरे की रेखा है। 


अमेरिका ने पिछले साल एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि निखिल गुप्ता एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम कर रहा था और न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुआ था। आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है। गौरतलब है कि  गुरपतवंत सिंह पन्नू एक भारत का एक वांछित आतंकवादी है जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है। वह कई बार भारत के खिलाफ धमकियां दे चुका है। अमेरिकी राजदूत का यह इंटरव्यू जो बाइडेन प्रशासन के यह कहे जाने के बाद आया है कि अमेरिका, अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादियों को मारने की साजिश के पीछे के लोगों को जिम्मेदार ठहराने के लिए भारत सरकार के साथ काम कर रहा है।
 


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Content Writer

Tanuja

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