नववर्ष पर युद्ध की आहट तेज : चीन ने ताइवान के चारों तरफ की नाकाबंदी ! 77 विमान और 17 युद्धपोत किए तैनात, दर्जनों फाइटर जेट ने मध्य रेखा लांघी
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 01:52 PM (IST)
International Desk: पूर्वी एशिया में हालात तेजी से युद्ध की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। चीन ने ताइवान के खिलाफ अब तक का सबसे आक्रामक सैन्य प्रदर्शन करते हुए द्वीप के चारों ओर हवाई और समुद्री घेराबंदी जैसी स्थिति बना दी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (MND) के अनुसार, बुधवार सुबह 6 बजे तक चीन के 77 सैन्य विमान और 17 नौसैनिक जहाज ताइवान के आसपास सक्रिय पाए गए। इनमें से 35 लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की संवेदनशील मध्य रेखा पार कर ली, जो सीधे तौर पर ताइवान की संप्रभुता को चुनौती माना जाता है।
Taiwan's military says that as of Dec. 30, 3 pm, the following was detected:
— Jaime Ocon 歐海美 (@JaimeOcon1) December 30, 2025
27 Rockets, splashing down in zones 1 & 3
71 PLAARF aircraft (35 breaching ADIZ)
15 Chinese Coast Guard ships
13 PLAN ships
1 Amphibious Assault Team (1 Type 075, with additional 3 vessels). pic.twitter.com/HQeDbxZpzs
मंत्रालय ने बताया कि ये चीनी विमान ताइवान के उत्तरी, मध्य और दक्षिण-पश्चिमी एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन ज़ोन (ADIZ) में घुसे। ताइवान की सेना ने हालात पर करीबी निगरानी रखते हुए जवाबी कदम उठाए हैं। ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने चीन की इन गतिविधियों को “उकसावे वाली और खतरनाक” करार देते हुए कहा कि इससे न केवल क्षेत्रीय शांति को खतरा है, बल्कि नागरिक हवाई और समुद्री यातायात भी प्रभावित हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ताइवान की सशस्त्र सेनाएं संयम के साथ लेकिन पूरी तैयारी में हैं।
इस सैन्य गतिविधि को चीन की पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमांड द्वारा चलाए जा रहे अभ्यास ‘जस्टिस मिशन 2025’ से जोड़ा जा रहा है। इस अभियान के तहत चीनी सेना की थलसेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट फोर्स संयुक्त अभ्यास कर रही हैं। गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही ताइवान ने 130 चीनी विमान और 14 युद्धपोत अपने आसपास दर्ज किए थे। लगातार बढ़ती यह सैन्य मौजूदगी साफ संकेत दे रही है कि बीजिंग ताइवान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जिससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध का खतरा गहराता जा रहा है।
