सामने आई सीरिया में 'केमिकल अटैक' की दर्दनाक तस्वीरें, इस हाल में दिखे बच्चे
punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 12:41 PM (IST)
दमिश्क: लंबे समय से अशांति और हिंसा से जूझ रहे सीरिया में केमिकल अटैक में 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है,जबकि हजारों लोग प्रभावित हैं। इस हमले की कुछ बेहद दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं जिसकों देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह हमला कितना भयानक था।
स्वयंसेवी राहत एवं बचाव बल ‘व्हाइट हेल्मेट’ के प्रमुख आर -अल शाह ने ट्वीट करके कहा कि कई लोगों के शव बेसमेंट पर पड़े हुए हैं और कई लोगों को रासायनिक हमले के प्रभाव के कारण तड़पते हुए देखा जा सकता है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि संदिग्द्ध रासायनिक हमला बेहद भयावह है।
अगर यह साबित हो जाता है कि यह रासायनिक हमला है तो विश्व समुदाय द्वारा तुरंत कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। गौता के विरोधियों के समर्थन वाले गौता मीडिया सेंटर ने दावा किया कि एक हेलीकैप्टर से बैरल बम फेंका गया जिसमें टैक्सिक नर्व एजेंट‘सरीन‘था।
अस्पताल में कई ऐसे लोगों को लाया गया जिनके मुंह से झाग निकल रहे थे। सरकार पर विद्रोही बस्तियों पर रासायनिक हमलों के आरोपों के बीच सरकारी समाचार एजेंसी‘साना’ने कहा कि दौमा में जैश-ए-इस्लाम का कब्जा है और वह मिटने की कगार पर है।
इस बीच सीरिया की सरकार ने ऐसे किसी भी हमले से इंकार किया है। इस मामले में एक बार फिर कई देश दो धड़ों में बटते नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद को निशाने पर लेते हुए कहा है कि इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
एक स्वयंसेवी संगठन बचाव दल व्हाइट हेलमेट्स ने इस हमले की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं जिसमें एक इमारत के बेसमिंट में कई शव पड़े नजर आ रहे हैं। कई अलग-अलग जगहों से इस हमले के बारे में अलग-अलग आकड़े सामने आए हैं।
असल में क्या हुआ इस बात की पूरे तौर पर पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। कैसा आरोप है कि सीरिया में एक विद्रोहियों के कब्जे वाले अंतिम शहर डौमा में हेलीकॉप्टर से विषाक्त नर्व एजेंट सरीन से युक्त बैरल बम गिराया गया।
वहीं इससे पहले अप्रैल 2017 में विद्रोहियों के कब्जे वाले खान शेखून में केमिकल हमले में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, सीरिया अपने पास किसी भी तरह के केमिकल हथियार रखने की बात खारिज कर दी थी। असद सरकार ने कहा था कि वह स्वयं केमिकल हथियारों के खिलाफ है।