पाकिस्तान में पनामा पेपर घोटाले का सिलसिलेवार घटनाक्रम

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 05:26 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सर्वाेच्च न्यायालय ने आज देश के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया।कुछ इस तरह रहा पनामागेट घोटाले का पूरा घटनाक्रम:   


4अप्रैल 2016: इंटरनेशनल कॉनसोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने पनामा पेपर प्रकाशित किए और इसके जरिए दुनियाभर के अमीर लोगों द्वारा विदेशी खातों और मुखौटा कंपनियों के जरिए की गई कर चोरी का पर्दाफाश किया। इस दस्तावेज में शरीफ और उनके परिजनों के नाम थे।  


5अप्रैल 2016: आरोपों की जांच के लिए शरीफ ने न्यायिक समिति का गठन किया और आरोपों से इंकार किया।  

26 अप्रैल 2016: विपक्षी दलों ने सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग को खारिज किया।  


1नवंबर 2016:सर्वाेच्च न्यायालय ने नवाज शरीफ से जुड़े मामले को देखने का फैसला किया।


7नवंबर 2016:पीएमएल-एन ने सर्वाेच्च न्यायालय को कतर के शहजादे का वह पत्र सौंपा जिसमें पनामा पेपर घोटाले के केंद्र में रहे लंदन के फ्लैटों की जानकारी थी।  


6जनवरी 2017:सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू होने के बाद शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने संपत्तियों का ब्यौरा मुहैया करवाया।  


20 अप्रैल 2017:सर्वाेच्च न्यायालय ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए जेआईटी के गठन का आदेश दिया।  


5मई 2017: सर्वाेच्च न्यायालय ने जेआईटी का औपचारिक गठन किया।


22मई 2017:जेआईटी ने अपनी पहली द्वि-साप्ताहिक रिपोर्ट सर्वाेच्च न्यायालय को दो खंडों में सौंपी।  


24मई 2017: जेआईटी ने शरीफ और उनके दोनों बेटों हुसैन तथा हसन को प्रश्नावली भेजी।  


28मई 2017: शरीफ के बड़े बेटे हुसैन जेआईटी के समक्ष पेश हुए,प्रश्नावली नहीं दिए जाने का दावा किया।   


30मई 2017: हुसैन दूसरी बार जेआईटी के समक्ष पेश हुए।  


13 जून 2017: काम में बाधाओं को लेकर जेआईटी ने सर्वाेच्च न्यायालय में रिपोर्ट जमा की, सरकारी संस्थानों पर सबूत जुटाने में अड़चनें खड़ी करने का आरोप लगाया। 


15 जून 2017: शरीफ पूछताछ के लिए जेआईटी के समक्ष पेश हुए। पद पर रहते हुए किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बने।
       
17 जून 2017: जेआईटी ने शरीफ के छोटे भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ से पूछताछ की।
       
5 जुलाई 2017: शरीफ की बेटी मरियम जेआईटी के समक्ष पेश हुईं।
        
7 जुलाई 2017: कतर के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हम्माद बिन जस्सिम बिन जब्र अल थानी ने जेआईटी को पत्र भेजकर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट भेजने से पहले वह उनके महल में उनका बयान दर्ज करे।
         
8 जुलाई 2017: पीएमएल-एन ने कहा उसे जेआईटी की वह रिपोर्ट स्वीकार नहीं होगी जिसमें कतर के पूर्व प्रधानमंत्री का बयान नहीं होगा।
            
10 जुलाई 2017: जेआईटी ने सर्वोच्च न्यायालय को अंतिम रिपोर्ट सौंपी
           
21 जुलाई 2017: मामले की सुनवाई कर रही सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा
          
28 जुलाई 2017: उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने एकमत से शरीफ के खिलाफ फैसला देते हुए उन्हें इस पद के लिए अयोग्य घोषित किया ।


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