कनाडा के प्रधानमंत्री की ‘तमिल नरसंहार'' वाली टिप्पणी पर श्रीलंका ने विरोध दर्ज कराया

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2023 - 10:19 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: श्रीलंका ने यहां कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और द्वीपीय देश में गृहयुद्ध की समाप्ति की 14वीं वर्षगांठ पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की "तमिल नरसंहार" वाली टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। वर्ष 1983 में शुरू हुआ संघर्ष 18 मई, 2009 को श्रीलंका की सेना द्वारा लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के प्रमुख वी. प्रभाकरन को मार गिराने के साथ समाप्त हुआ था। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हजारों तमिलों ने अपनी जान गंवाई और कई लापता, घायल या विस्थापित हुए।

उन्होंने कहा कि इसमें मुलिवाइकल में हुआ नरसंहार भी शामिल है। ट्रूडो ने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं पीड़ितों, जीवित बचे लोगों और उनके प्रियजनों के साथ हैं, जो इस संवेदनहीन हिंसा के दर्द के साथ अब भी जी रहे हैं।'' ट्रूडो ने कहा, ‘‘संघर्ष से प्रभावित तमिल-कनाडाई लोगों की कहानियां इसकी याद दिलाती है कि मानवाधिकार, शांति और लोकतंत्र को हल्के में नहीं लिया जा सकता।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए संसद ने पिछले साल सर्वसम्मति से 18 मई को तमिल नरसंहार स्मृति दिवस घोषित करने के प्रस्ताव को पारित किया।

कनाडा इस संघर्ष के पीड़ितों और बचे लोगों के अधिकारों की वकालत करना बंद नहीं करेगा।'' श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि उनमें देश में पिछले संघर्षों से संबंधित नरसंहार के चौंकाने वाले दावे किये गए हैं। इसके बाद, विदेश मंत्रालय ने कोलंबो में कनाडा के उच्चायुक्त एरिक वाल्श को तलब किया और ट्रूडो की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, "एक राष्ट्र के नेता द्वारा इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना और ध्रुवीकरण वाली घोषणाएं शांति और सुलह को बढ़ावा देने के बजाय कनाडा और श्रीलंका दोनों में वैमनस्य और नफरत पैदा करती हैं।" उसने कहा, ‘‘श्रीलंका कनाडा और उसके नेताओं से आग्रह करता है कि वे कनाडा से घृणा, गलत सूचना और चरमपंथी विचारों को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं से परहेज करें और तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर श्रीलंका पर अपना ध्यान केंद्रित करना बंद करें। यह कनाडा के प्रधानमंत्री के "दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा" के घोषित उद्देश्य के विपरीत है।''


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News Editor

Parveen Kumar

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