पाई-पाई को तरस रहा पाकिस्‍तान, जानें सऊदी अरब  क्‍यों नहीं दे रहा कर्ज ?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 05, 2023 - 05:45 PM (IST)

दुबई: जहां दुनिया के बाकी देश जैसे श्रीलंका, यूक्रेन और अर्जेंटीना की मदद के लिए IMF की तरफ से राहत पैकेज का ऐलान किया जा रहा है, तो वहीं पाकिस्‍तान को अभी तक किसी महत्‍वपूर्ण पैकेज का इंतजार है। आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्‍तान  का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिरता जा रहा है। रुपए में भी एतिहासिक गिरावट हुई है।  ऐसे में पाक के लिए अब और मुश्किलें  बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। पाक के विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले समय में देश की स्थिति और बिगड़ने वाली है क्योंकि अब सऊदी अरब ने भी   पाक को  मदद के लिए कोई बड़ा राहत पैकेज देने से हाथ खींच लिया है। सऊदी  का कहना है कि अब इस तरह की मदद का फॉर्मूला ही खत्‍म कर दिया गया है। ऐसे में सऊदी अरब से पाकिस्‍तान को कोई मदद मिलेगी, इसकी गुंजाइश बहुत कम है।

 

साथ ही अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से भी कोई राहत पैकेज नहीं दिया जा रहा है। पाकिस्‍तान के अर्थव्‍यवस्‍था के जानकारों की मानें तो सऊदी अरब ने पिछले कुछ दिनों में आर्थिक मदद से जुड़े नियमों को बदला है। ये नियम काफी तेजी से बदले गए हैं। ऐसे में देश के एलीट वर्ग और मिलिट्री को इस बात पर यकीन हो गया है कि सऊदी अरब के साथ जो रिश्‍ते हैं उन्‍हें बिना शर्त खैरात में बदला जा सके। पिछले एक दशक में और खासतौर पर साल 2017 के मध्य से सऊदी अरब में नियमों का बदलाव किया गया है। इन नियमों ने रियाद में काम करने के पारंपरिक तरीकों को अब खत्‍म कर दिया है।

 

विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान के मिलिट्री और सरकार के लोग सऊदी अरब के कितने ही दौरे क्‍यों न कर लें और बार-बार मदद क्‍यों न मांगते रहें, लेकिन अब कुछ नहीं बदलने वाला है। सऊदी अरब अब उस तरह से ब्लैंक चेक नहीं देगा जैसा कि वह देता आया था। पाकिस्तान की सरकार और अधिकारियों को अब यह समझ जाना चाहिए कि यह नया सऊदी अरब है और वह कैसे फैसले लेता है। उनकी मानें तो यह बहुत ही दुख की बात है कि यहां अपने देश की तरह ही पाकिस्तानी नेता विदेशों में देश की क्षमता को खोखला कर रहे हैं।

 

पाकिस्‍तान के लेखक मुशर्रफ जैदी पिछले साल नवंबर में मिस्क ग्लोबल फोरम से जब लौटे तो उन्‍होंने वहां के युवाओं की जींवतता देखी। उनका कहना है कि सऊदी अरब से कोई भी संवेदनशील व्यक्ति आज जो पहला प्रभाव आकर्षित करेगा, वह उसके युवाओं की जीवंतता है। सऊदी अरब वह देश है जो अपने युवाओं की क्षमता को वास्तविक बनाने में पूरी तरह से सक्रिय है। उनका कहना है कि फरवरी 2019 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिसं मोहम्‍मद बिन सलमान (MBS) पाकिस्तान यात्रा पर आए थे। इस यात्रा के चार साल बाद भी सऊदी निवेश को औपचारिक रूप देने और बंद करने के लिए सभी प्रोत्साहनों के बावजूद कुछ भी नहीं हो सका है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News