रेत बन सकती है मलेशिया और सिंगापुर में तनाव की एक बड़ी वजह

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2019 - 11:45 AM (IST)

कुआलालंपुर/पुलाऊ उजोंग: दक्षिण एशिया के 2 देशों में रेत को लेकर तनाव हो सकता है। यह सुनकर आपका चौंकना लाजिमी है लेकिन यह सच है। दरअसल, जिन दो देशों की बात यहां पर की जा रही है वह मलेशिया और सिंगापुर हैं। मलेशिया करीब 330803 वर्ग कि.मी.में फैला है। मलेशिया की गिनती दुनिया के 44वें सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में होती है। जहां तक सिंगापुर की बात है तो यह देश मलेशिया से कहीं छोटा है। सिंगापुर महज 722.5 वर्ग कि.मी. में फैला है। सिंगापुर को एजुकेशन का हब होने के साथ वल्र्ड स्मार्टेस्ट सिटी, इंटरनैशनल मीटिंग सिटी और वल्र्ड सेफेस्ट सिटी का तमगा हासिल है। अर्थव्यवस्था की बात करें तो यह अमरीका और हांगकांग को टक्कर दे रहा है लेकिन इसको और अधिक मजबूती देने के लिए सिंगापुर के सामने जमीन की दिक्कत आ रही है। मलेशिया से तनाव की मूल वजह भी यही है।

मलेशियाई रेत पर सिंगापुर बढ़ा रहा सीमा 
दरअसल, अर्थव्यवस्था को और अधिक गति देने के लिए जो जमीन सिंगापुर को चाहिए उसको हासिल करने के मकसद से वह समुद्र में रेत डालकर अपनी सीमाओं को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए उसको रेत की जरूरत होती थी जिसकी सप्लाई मलेशिया से की जा रही थी। बीते कुछ समय से सिंगापुर लगातार समुद्र में रेत डालकर अपनी जमीन के विस्तार को गति देने में लगा हुआ था। सिंगापुर के सरकारी आंकड़े इसकी तसदीक खुद करते हैं। इनके मुताबिक वर्ष 2018 में सिंगापुर ने करीब 2.7 वर्ग कि.मी. का दायरा बढ़ा लिया है जो एक दशक में सर्वाधिक विस्तार है। लेकिन सिंगापुर की इसी मंशा पर अब मलेशिया ने रेत निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर ग्रहण लगा दिया है। इससे सिंगापुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और साथ ही यह रेत दोनों देशों में तनाव की एक बड़ी वजह बन सकती है।

भारत से आयात सिंगापुर के लिए काफी महंगा 
कुआलालम्पुर के अधिकारी इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि सिंगापुर अपनी सीमाओं में वृद्धि कर रहा है। इसके अलावा वह यह भी मानते हैं कि समुद्री रेत के लिए सिंगापुर का सबसे बड़ा नजदीकी स्रोत मलेशिया है। सिंगापुर के बढ़ते कदमों की आहट ने मलेशिया को परेशानी में डाल दिया है। सिंगापुर के लिए एक समस्या यह भी है कि यदि वह रेत का आयात भारत से करता है तो यह उसके लिए काफी महंगा साबित होगा। इसलिए भारत से भी उम्मीद कम ही है। 

इंडोनेशिया भी पहले लगा चुका प्रतिबंध 
मलेशियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद महाथिर ने पिछले वर्ष अक्तूबर में ही समुद्री रेत के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सिंगापुर ने इस कदम के लिए मलेशिया की आलोचना भी की थी। ऐसा करते हुए महाथिर ने अपनी उस परेशानी को सार्वजनिक किया था। उनका कहना था कि उनकी रेत का इस्तेमाल अमीर पड़ोसी देश अपना आकार बढ़ाने के लिए कर रहा है। उनकी चिंता सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर के इस खेल का मलेशियाई अधिकारी और व्यवसायी लाभ उठा रहे हैं। इससे पहले इंडोनेशिया ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं  का हवाला देते हुए 2007 में सिंगापुर में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। रेत निर्यात की वजह से इंडोनेशिया में निर्माण कार्य लगभग ठप्प हो गए थे। 


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vasudha

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