2025 का सबसे बड़ा विस्फोट, सकुराजिमा से निकला आग का फव्वारा, 3000 मीटर तक छाया अंधेरा, Video आया सामने

punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 12:37 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। जापान के क्यूशू स्थित सकुराजिमा ज्वालामुखी में 15 मई 2025 को कागोशिमा प्रीफेक्चर में एक भयंकर विस्फोट हुआ। इस विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकलने वाले राख का गुबार 3000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें राख का गुबार कितना भयानक है इसे साफ देखा जा सकता है। सकुराजिमा जापान का एक अत्यंत सक्रिय ज्वालामुखी है और इसमें बार-बार विस्फोट होते रहते हैं।

सकुराजिमा इतना सक्रिय क्यों है?

सकुराजिमा ज्वालामुखी में बार-बार विस्फोट होने के पीछे कई भूवैज्ञानिक कारण होते हैं। इसके लगातार सक्रिय रहने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

➤ टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति: जापान एक टेक्टोनिक हॉटस्पॉट है जहाँ चार प्रमुख प्लेटें (पैसिफिक, फिलीपीन सागर, यूरेशियन और नॉर्थ अमेरिकन) आपस में टकराती हैं। सकुराजिमा ज्वालामुखी फिलीपीन सागर प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे सबडक्ट (नीचे धंसने) होने के कारण सक्रिय रहता है। जब एक प्लेट दूसरी के नीचे जाती है तो वहां की चट्टानें पिघल जाती हैं और मैग्मा बनता है जो सतह की ओर उठता है।

➤ मैग्मा की निरंतर आपूर्ति: मैग्मा गैसों और उच्च तापमान से भरपूर होता है जिससे दबाव बढ़ता है और वह समय-समय पर विस्फोट के रूप में बाहर निकलता है। मैग्मा लगातार बनता और ऊपर की ओर धकेला जाता है जो इसे निरंतर सक्रिय रखता है।

 

 

 

➤ ज्वालामुखी का स्ट्रैटोवोल्केनो प्रकार: सकुराजिमा एक स्ट्रैटोवोल्केनो है जो विस्फोटक प्रवृत्ति वाले ज्वालामुखियों का प्रकार होता है। इसमें चिपचिपा और गैसों से भरा लावा जमा होता है जो अचानक और बड़े विस्फोट करता है। कहा जाता है कि सकुराजिमा पहले एक द्वीप था लेकिन 1914 के बड़े विस्फोट में निकला लावा इसे मुख्य भूमि से जोड़ गया। यह कागोशिमा खाड़ी में स्थित है जहाँ ज्वालामुखीय गतिविधि बहुत अधिक पाई जाती है।

➤ स्थानीय ज्वालामुखीय चक्र: सकुराजिमा में कभी-कभी दिन में कई बार छोटे विस्फोट होते हैं। इसकी वजह से "फ्रीक्वेंट माइनर इरप्शन्स" ज्वालामुखी को लगातार सक्रिय रखते हैं लेकिन अक्सर बड़े नुकसान नहीं पहुंचाते।

इन्हीं कारणों से इसे दुनिया के सबसे सक्रिय और खतरनाक ज्वालामुखियों में गिना जाता है।

हालिया विस्फोट और प्रभाव

सकुराजिमा ज्वालामुखी इस समय बहुत सक्रिय है और 2025 में अब तक कई बार विस्फोट कर चुका है। 15 मई को हुआ विस्फोट सबसे बड़ा था जिससे राख का गुबार 3000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया। इस विस्फोट के कारण कागोशिमा शहर में राख गिरने की घटनाएं देखी गईं। इसके बाद इलाके में दृश्यता में कमी आई और स्थानीय निवासियों को सतर्क किया गया। इससे पहले 7 अप्रैल 2025 को इस साल का 54वां विस्फोट यहाँ हुआ था और 3 अप्रैल 2025 को भी ज्वालामुखी फटा था।

सकुराजिमा के लगातार सक्रिय रहने से आसपास के इलाकों में सतर्कता बनी रहती है और वैज्ञानिक इसकी गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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