चीनी ‘घुसपैठ’ पर भारत को खुफिया जानकारी देने की खबर पर अमेरिका ने कहा, ‘इसकी पुष्टि नहीं कर सकते’
punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 10:10 AM (IST)

वाशिंगटन, 21 मार्च (भाषा) व्हाइट हाउस ने सोमवार को उस खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका ने पिछले साल भारतीय सेना को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी जिससे उसे चीनी घुसपैठ से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली।
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने खबर के बारे में पूछे जाने पर यहां एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता।’’ ‘यूएस न्यूज’ ने एक विशेष खबर में दावा किया था कि भारत, अमेरिकी सेना के अभूतपूर्व खुफिया सूचना साझा करने के कारण पिछले साल के अंत में हिमालय के ऊंचाई वाले सीमा क्षेत्र में चीन की सैन्य घुसपैठ का जवाब दे पाया।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष और टकराव में ‘‘दोनों पक्षों के कुछ सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए थे।’’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में अमेरिकी खुफिया समीक्षा (जिसे जारी नहीं किया गया) की रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को चीन की स्थिति और सुरक्षा बल की ताकत के बारे में वास्तविक समय का विवरण प्रदान किया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सूचना में कार्रवाई योग्य उपग्रह की तस्वीरें शामिल थीं और इसमें अधिक विस्तृत जानकारी दी गई थी। अमेरिकी सेना ने इससे पहले कभी इतनी तेजी से ऐसी जानकारी भारतीय सेना के साथ साझा नहीं की थी।’’ खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया, ‘‘ वे इंतजार कर रहे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसकी तैयारी के लिए सब कुछ दिया था। यह दर्शाता है कि दोनों सेनाएं अब कितनी सफलता से सहयोग कर रही हैं और खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं।’’ जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुआ सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष है।
भारत ने चीन से कहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने खबर के बारे में पूछे जाने पर यहां एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता।’’ ‘यूएस न्यूज’ ने एक विशेष खबर में दावा किया था कि भारत, अमेरिकी सेना के अभूतपूर्व खुफिया सूचना साझा करने के कारण पिछले साल के अंत में हिमालय के ऊंचाई वाले सीमा क्षेत्र में चीन की सैन्य घुसपैठ का जवाब दे पाया।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष और टकराव में ‘‘दोनों पक्षों के कुछ सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए थे।’’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में अमेरिकी खुफिया समीक्षा (जिसे जारी नहीं किया गया) की रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को चीन की स्थिति और सुरक्षा बल की ताकत के बारे में वास्तविक समय का विवरण प्रदान किया।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सूचना में कार्रवाई योग्य उपग्रह की तस्वीरें शामिल थीं और इसमें अधिक विस्तृत जानकारी दी गई थी। अमेरिकी सेना ने इससे पहले कभी इतनी तेजी से ऐसी जानकारी भारतीय सेना के साथ साझा नहीं की थी।’’ खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया, ‘‘ वे इंतजार कर रहे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसकी तैयारी के लिए सब कुछ दिया था। यह दर्शाता है कि दोनों सेनाएं अब कितनी सफलता से सहयोग कर रही हैं और खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं।’’ जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुआ सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष है।
भारत ने चीन से कहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
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