जनरल एटॉमिक्स ने कृत्रिम मेधा क्षेत्र की भारतीय कंपनी ''''114एआई'''' के साथ साझेदारी की
punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2022 - 01:54 PM (IST)
वाशिंगटन, 29 सितंबर (भाषा) जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स (जीए-एएसआई) ने भारत की कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र की कंपनी ''114एआई'' के साथ साझेदारी की घोषणा की है। ‘114एआई’, नवंबर 2021 में अमेरिका-ब्रिटेन संयुक्त अंतरिक्ष अनुबंध जीतने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी के रूप में चर्चित रही थी।
यह घोषणा बुधवार को अमेरिकी सेना को रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करने वाली जनरल एटॉमिक्स की अनुषंगी जीए-एएसआई ने की। इसके एक दिन पहले उसने भारतीय स्टार्टअप ‘3र्डिटेक’ के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी।
जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विवेक लाल ने कहा, ''''114एआई के साथ साझेदारी की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।'''' कृत्रिम मेधा अमेरिका और भारत के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
अमेरिकी कंपनी ने एक बयान में कहा कि 114एआई टीम ने जिन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है उन्हें वह सैन्य परिचालकों के लिए बेहद मूल्यवान मानती है।
लाल ने कहा, ''''हमें उम्मीद है कि इस साझेदारी से कई ऐसे उत्पाद सामने आएंगे जो विश्व में अग्रणी होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ''मेक इन इंडिया'' रणनीति के लिए हमारी प्रतिबद्ध है। आगे जाकर हम भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग और बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।''''
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यह घोषणा बुधवार को अमेरिकी सेना को रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करने वाली जनरल एटॉमिक्स की अनुषंगी जीए-एएसआई ने की। इसके एक दिन पहले उसने भारतीय स्टार्टअप ‘3र्डिटेक’ के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी।
जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विवेक लाल ने कहा, ''''114एआई के साथ साझेदारी की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।'''' कृत्रिम मेधा अमेरिका और भारत के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
अमेरिकी कंपनी ने एक बयान में कहा कि 114एआई टीम ने जिन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है उन्हें वह सैन्य परिचालकों के लिए बेहद मूल्यवान मानती है।
लाल ने कहा, ''''हमें उम्मीद है कि इस साझेदारी से कई ऐसे उत्पाद सामने आएंगे जो विश्व में अग्रणी होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ''मेक इन इंडिया'' रणनीति के लिए हमारी प्रतिबद्ध है। आगे जाकर हम भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग और बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।''''
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