कृष्णमूर्ति ने जैन कवि और दार्शनिक श्रीमद राजचंद्रजी के जीवन को प्रेरणास्रोत बताया

punjabkesari.in Thursday, Oct 21, 2021 - 04:44 PM (IST)

वाशिंगटन, 21 अक्टूबर (भाषा) भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि सभा में जैन कवि, विद्वान, धर्मगुरु और दार्शनिक श्रीमद राजचंद्रजी के उल्लेखनीय जीवन को याद करते हुए उनकी कई आध्यात्मिक कृतियों की सराहना की।

कृष्णमूर्ति ने बुधवार को प्रतिनिधि सभा में अपने बयान में उनकी काव्य आध्यात्मिक कृति, आत्मसिद्धि शास्त्र समेत कई लेखन की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘1867 में भारतीय बंदरगाह शहर वावनिया (गुजरात) में जन्मे, राजचंद्रजी कम उम्र से ही धार्मिक जीवन के प्रति आकर्षित थे। उनकी आध्यात्मिक यात्रा ने उन्हें जैन धर्म और अहिंसा (अन्य जीवित प्राणियों को नुकसान न पहुंचाने का नैतिक सिद्धांत) के मूल विश्वास के प्रति प्रेरित किया।’’ उन्होंने कहा कि राजचंद्रजी ने महान आध्यात्मिक ऊंचाइयों को छुआ और समकालीन सामाजिक परिवेश के लिए सहज तरीके से आत्म-खोज के मार्ग को उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘‘34 वर्ष के छोटे से जीवन में भी, राजचंद्रजी ने दुनिया को एक समृद्ध विरासत दी जो साधकों की पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती रही है। उनके जीवन और कार्यों को ‘श्रीमद राजचंद्र’ नामक एक खंड में संकलित और प्रकाशित किया गया है, जिसकी सामग्री हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।’’कृष्णमूर्ति ने कहा कि 1891 में, राजचंद्रजी को मोहनदास गांधी नामक एक युवा भारतीय वकील से मिलवाया गया। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात से राजचंद्रजी और गांधी के बीच एक मित्रता बनी। गांधी ने अपनी आत्मकथा में अपने आध्यात्मिक गुरु को श्रद्धांजलि दी थी।



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PTI News Agency

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