अमेरिकी सांसद ने प्रशांत पारीय व्यापार संधि में भारत को भी जोड़ने की वकालत की

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 03:50 PM (IST)

वाशिंगटन 27 फरवरी (भाषा) अमेरिका की सीनेट के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा है कि अमेरिका को प्रशांतपारीय भागीदारी संधि (टीपीपी) में भारत को शामिल किए जाने की संभावना पर अमेरिका को विचार करना चाहिए।
इस महत्वाकांक्षी संधि पर अमेरिका ने 4 फरवरी 2016 को हस्ताक्षर किए थे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में इस संधि से अमेरिका को अलग कर लिया। अब जो ​बाइडेन के नेतृत्व में डेमाक्रेटिक पार्टी की सरकार बनने के बाद अमेरिका के फिर इस संधि में जुड़ने की संभावना है।

इस संधि में ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू सिंगापुर, वियतनाम और अमेरिका शामिल थे। अमेरिका के हटने के बाद अन्य देशों ने एक नया समझौता तय किया, जिसे प्रशांत पारीय भागीदारी के लिए व्यापक और प्रगतिशील समझौता कहा गया। इस समझौते में पुराने समझौते के अधिकांश प्रावधानों को बनाए रखा गया है। यह समझौता 30 दिसंबर 2018 से प्रभावी है।
रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कार्निन ने शुक्रवार को सुझाव दिया है कि अमेरिकी प्रशासन को टीपीपी में फिर शामिल होने सोते समय भारत को भी इसमें जोड़ने की संभावना पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि हमें टीपीपी में भारत को भी जोड़ने की संभावना पर गौर करना चाहिए। हम भारत के बहुत नजदीक आ चुके हैं। वास्तव में भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जो हमारी ही तरह कानून के शासन में विश्वास रखता है। भारत एक संतुलनकारी शक्ति भी है।’’
वह कैथरीन सी ताई को अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव की पुष्टि पर हुई चर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम क्वाड (भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के चार सदस्यीय नौवहन सुरक्षा समूह) में पहुंच गए हैं। मेरा मानना है कि भारत को उन चर्चाओं में भी शामिल किया जाना चाहिए।’


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PTI News Agency

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