संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मुहिम चर्चा का विषय : लिंडा

punjabkesari.in Thursday, Jan 28, 2021 - 09:52 AM (IST)

वाशिंगटन, 28 जनवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की दूत के तौर पर नामित लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के संबंध में नए प्रशसन के स्पष्ट समर्थन का संकेत नहीं दिया।

वहीं अमेरिका के तीन पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मुहिम का समर्थन करता है।

इस पद के लिए नामित होने से पहले थॉमस-ग्रीनफील्ड 35 साल से अधिक विदेश सेवा में बिता चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत के पद के लिए अपने नाम पर सहमति को लेकर सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान उन्होंने सांसदों से कहा कि यह चर्चा का विषय है।

सुनवाई के दौरान ओरेगन से सीनेटर जेफ मर्कले ने थॉमस-ग्रीनफील्ड से पूछा, ‘‘क्या आप सोचती हैं कि भारत, जर्मनी, जापान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए।’’इस पर थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘‘ सुरक्षा परिषद में उनकी सदस्यता पर कुछ चर्चा हो चुकी है और इसके लिए कुछ मजबूत दलीलें भी हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी जानती हूं कि ऐसे अन्य (देश) भी हैं जो इन देशों के अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधि बनने से असहमत हैं। यह भी चर्चा का विषय है।’’बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र में दूत के पद को कैबिनेट स्तर का पद घोषित किया है।

राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले साल अपने चुनाव प्रचार के दौरान संयुक्त राष्ट्र संरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन का अपना वादा दोहराया था।

थॉमस-ग्रीनफील्ड ने एक अन्य सवाल के जवाब में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन किया।

भारत वर्तमान में दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत के कार्यकाल की शुरुआत इस साल जनवरी से शुरू हो गयी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

PTI News Agency

Recommended News

Related News