चीन-अमेरिका ‘शीत युद्ध’ में राहत ला सकते हैं बाइडेन, प्रतिद्वंद्विता जारी रह सकती है : पर्यवेक्षक

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 09:02 PM (IST)

बीजिंग, आठ नवंबर (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत से चीन को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘शीत युद्ध’ की घोषणा से थोड़ी राहत महसूस हो सकती है लेकिन दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की प्रतिद्वंद्विता जारी रहने की संभावना है। चीनी पर्यवेक्षकों ने रविवार को यह बात कही।

चीन-अमेरिका संबंधों के लिहाज से ट्रंप का चार साल का कार्यकाल सबसे खराब माना जाता है। चीनी अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने 1972 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की ऐतिहासिक बीजिंग यात्रा के बाद से अब तक के सबसे अप्रत्याशित नेता का सामना किया है।

ट्रंप ने अमेरिका-चीन संबंधों के सभी पहलुओं को लेकर बहुत आक्रामक रुख रखा है। इसमें व्यापार युद्ध, विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना के प्रभुत्व को चुनौती देना और कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस’ की तरह प्रचारित करना शामिल है।

सरकारी ग्लोबल टाइम्स की एक खबर के अनुसार बाइडेन का कार्यकाल पहले से तनावपूर्ण चल रहे चीन₨-अमेरिका संबंधों के बीच दोनों देशों में उच्चस्तरीय संवाद बहाल करने तथा परस्पर रणनीतिक विश्वास का पुनर्निर्माण करने की दिशा में अवसर प्रदान कर सकता है।

फुदान यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर यूएस स्टडीज के उप निदेशक शिन कियांग ने अखबार से कहा कि चीन और अमेरिका के खराब होते रिश्ते ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि परस्पर रणनीतिक विश्वास को क्षति पहुंची है, उच्चस्तरीय संवाद रुक गया है और बहुत कम सहयोग दिखाई दे रहा है।

उन्होंने कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में उम्मीद की जा सकती है कि चीन और अमेरिका टीकों, महामारी रोधी लड़ाई और जलवायु परिवर्तन पर व्यापक सहयोग बहाल करेंगे।

बीजिंग स्थित रेनमिन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट डीन जिन कैनरांग ने कहा कि बाइडेन बिगड़ते चीन-अमेरिका संबंधों के लिए ‘परिवर्तन काल’ की शुरुआत करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘बाइडेन विदेश मामलों को संभालने के मामले में और नरमी तथा परिपक्वता दिखाएंगे।’’ हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के स्तंभकार वांग शियांगवेई ने कहा कि बाइडेन चीन के खिलाफ भले ही थोड़ा सख्त रुख अपना सकते हैं लेकिन दोनों देशों को एक नये शीत युद्ध की तरफ धकेलने से बचेंगे।


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PTI News Agency

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