चीन के टीवी सीरियल में दिखाया जा रहा पैगंबर मोहम्मद का चित्र, सोशल मीडिया पर छिड़ गई बहस (वीडियो)

punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2020 - 04:08 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर के चित्रण पर भड़के विवाद के बीच चीन के एक टीवी चैनल चाइना सेंट्रल टेलीविज़न पर प्रसारित सीरीज का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद बवाल मच गया है। उइगर मानवाधिकार कार्यकर्ता अर्सलन हिदायत ने ट्विटर पर एक चीनी टीवी सीरीज का वीडियो शेयर किया है, जिसमें तांग राजवंश के शासन के दौरान अरब राजदूत के चीन जाने के सीन को दिखाया गया है। वीडियो में अरब राजदूत को पैगंबर मोहम्मद के चित्र को चीनी सम्राट को भेंट करते हुए देखा जा सकता है। इंटरनेट पर वायरल हुए वीडियो में चीनी टीवी सीरीज ‘कैरोल ऑफ झेंगुआन’ में प्रदर्शित पैगंबर मोहम्मद की छवि को देखा जा सकता है।

 

अर्सलन हिदायत के अनुसार, शो में चित्रित राजदूत कहते हैं, “यह हमारे देश के भगवान मोहम्मद का चित्र है।” चीनी शो में पैगंबर के चित्रण ने अब मुस्लिम दुनिया पर सवाल उठाते हुए बहस शुरू कर दी है कि क्या वे फ्रांस के शिक्षक की निंदा के बाद पैगंबर मुहम्मद के कैरिकेचर के चित्रण के लिए चीन की निंदा करेंगे? इस रिपोर्ट को लेकर न तो चीनी अधिकारियों और न ही चीन सेंट्रल टेलीविज़न (CCTV) सीरीज के निर्माताओं ने अपनी टीवी सीरीज में पैगंबर मोहम्मद के चित्रण के दावों का खंडन किया है।  हिदायत द्वारा शेयर किए गए वीडियो के बाद ये बहस तेज हो गई है कि क्या अतीत में पैगंबर मोहम्मद का चित्रण वास्तव में ईश निंदा था।

 

इस चीनी टीवी सीन के इंटरनेट पर वायरल होने के साथ, विभिन्न सोशल मीडिया यूजर्स बता रहे हैं कि पैगंबर मोहम्मद के चित्रों का चित्रण अतीत में मना नहीं था। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोना सिद्दीकी के अनुसार , कुरान में ऐसा कुछ भी जिक्र नहीं है, जो स्पष्ट रूप से पैगंबर के चित्रण को मना करता है। यह विचार हदीसों से उत्पन्न हुआ। अब सवाल यह उठ रहा है कि चीनी टीवी सीरीज में खुले तौर पर पैगंबर मोहम्मद का चित्रण करने पर क्या चीन का बहिष्कार किया जाएगा?

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सोशल मीडिया यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि जिस तरह से फ्रांस के राष्ट्रपति की निंदा की गई और वहाँ के उत्पादों का बहिष्कार किया गया, क्या उसी तरह से मुस्लिम दुनिया चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की निंदा करेगी और वहाँ के उत्पादों का बहिष्कार करेगी? वह भी ऐसे में जब चीनी सरकार ने उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार किया है, जिस पर आमतौर पर पाकिस्तान जैसे कुछ मुस्लिम देशों ने चुप्पी साध रखी है।

 

बता दें कि पेरिस में 16 अक्टूबर 2020 को सैम्युल पैटी नामक शिक्षक की हत्या की गई थी। उनकी गलती बस ये थी कि उन्होंने क्लास के दौरान ‘शार्ली एब्दो’ अख़बार में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया, जिसके बाद एक लड़के ने दिन दहाड़े उनका सिर कलम कर के उनकी हत्या कर दी। बाद में पुलिस ने भी हत्यारे छात्र को मार गिराया। पिछले हफ्ते पेरिस में फ्रांसीसी शिक्षक पर हुए भयानक हमले और शार्ली एब्दो में छपी कार्टून पर ‘ईश निंदा’ का आरोप लगाए जाने एवं फ्रांसीसी निवासियों के सार्वजनिक प्रदर्शन के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस्लामिक आतंकी हमले के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। 

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Tanuja

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