आंतकवादी बने मशहूर सिंगर ने सेना के सामने किया सरेंडर, जानें क्यों और कैसे बना आंतकी
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 11:28 AM (IST)

International Desk: चरमपंथी बने लेबनानी पॉप स्टार ने सेना के सामने आत्मसमर्पण किया बेरूत, पांच अक्टूबर (एपी) पॉप स्टार से वांछित इस्लामी चरमपंथी बने लेबनान के एक व्यक्ति ने 12 साल बाद शनिवार को खुद को देश की सैन्य खुफिया सेवा के हवाले कर दिया। न्यायिक और सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लेबनान के शहर सिडोन में जून 2013 में सुन्नी मुस्लिम चरमपंथियों और लेबनानी सेना के बीच सड़क पर हुए खूनी संघर्ष के बाद से फदल शकर फरार था। उसकी गैरमौजूदगी में मुकदमा चलाया गया और 2020 में एक ‘‘आतंकवादी समूह'' को समर्थन देने के आरोप में 22 साल जेल की सजा सुनाई गई।
दो सुरक्षा और दो न्यायिक अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की रात एक लेबनानी सैन्य खुफिया बल सिडोन के पास ऐन अल-हिल्वेह के फिलीस्तीनी शरणार्थी शिविर में पहुंचा और शकर को हिरासत में ले लिया, जो 12 साल से अधिक समय से इसी शिविर में छिपा हुआ था। नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि शकर लेबनानी अधिकारियों की गिरफ्तारी में है, उससे पूछताछ की जाएगी और सेना के खिलाफ अपराध करने के नए आरोपों पर मुकदमे की तैयारी की जाएगी। शकर एक पॉप स्टार था, जो 2002 में अपने एक जबरदस्त हिट गाने के साथ पूरे अरब जगत कें बेहद लोकप्रिय हुआ था। शकर ने पहले सिडोन में हुई झड़पों में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया था और कहा था कि उसने कभी भी खून खराबे का समर्थन नहीं किया था।
फदल शकर क्यों और कैसे बना आंतकी
प्रभावशाली धार्मिक नेता के साथ जुड़ाव
फदल शकर ने कट्टर सुन्नी धर्मगुरु शेख अहमद अल-अस्सिर (Ahmed al-Assir) के प्रभाव में आना शुरू किया। शकर ने अल-अस्सिर के रैलियों में हिस्सा लेना शुरू किया और अल-अस्सिर की कट्टर धार्मिक राजनीति से प्रभावित हुए।
सुन्नी समुदाय में बढ़ रहा असंतोष
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शकर की कट्टरवाद की ओर झुकाव की एक बड़ी वजह यह थी कि उन्होंने महसूस किया कि हेज़बोल्लाह और उससे जुड़ी शक्तियां जोकि शिया-मुस्लिमों की ओर झुकी हुई मानी जाती हैं, सुन्नी समुदाय को दबाव में डाल रही हैं। वे सीरिया की झड़पों और युद्ध की घटनाओं से भी प्रभावित हुए, जहाँ सुन्नी मुस्लिमों की स्थिति जटिल हो गई थी।
धार्मिक विश्वासों में बदलाव
शकर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि संगीत अब उनके लिए “हराम” (इस्लामी दृष्टिकोण से निषिद्ध) हो गया है। उन्होंने अपने जीवन में धर्म की भूमिका को बढ़ाया, और संगीत छोड़ने की घोषणा की ताकि वह धार्मिक जीवन की ओर झुकाव करें।
राजनीतिक और सामाजिक घटनाएँ
2005 में रफ़िक हरिरी की हत्या और उसके बाद राजनीति में होने वाले विभाजन, सत्ता संघर्ष आदि ने सुन्नी-शिया टकराव को बढ़ाया। सीरिया संकट (Syrian conflict) ने भी एक बड़ा प्रेरक तत्व माना जाता है, जहाँ शकर ने कहा कि सुन्नियों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं, मेमे युद्ध, नागरिकों की पीड़ा आदि ने उन्हें प्रभावित किया। सिडोन में 2013 की झड़पें अहम हैं । अल-अस्सिर के समर्थकों और लेबनानी सेना के बीच हुई लड़ाई, जिसमें सैनिकों की मौत हुई। शकर ने इस घटना में आंशिक या अप्रत्यक्ष भूमिका स्वीकार की या विवादित बयान दिए। इस घटना ने उनकी सार्वजनिक और कानूनी स्थिति को चरमपंथी की ओर मनोवैज्ञानिक रूप से भी धकेला। शकर ने कई मौकों पर हिंसा का समर्थन न करने की बात कही है; उसने दावा किया कि उसने सीधे तौर पर सैनिकों को नहीं मारा और युद्ध-घटनाओं में उसकी भूमिका को लेकर विवाद है।