PM मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण कोरिया और मैक्सिको के राष्ट्रपतियों से की मुलाकात
punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 12:25 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16-17 जून 2025 को कनाडा के कनानास्किस में आयोजित 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग और मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो ओब्रेडोर से मुलाकात की। यह मुलाकातें सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गईं।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के बीच यह बैठक दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, उच्च प्रौद्योगिकी, रक्षा, सेमीकंडक्टर और सांस्कृतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। राष्ट्रपति ली ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी-20 की सफलता की सराहना की और भारत की आगामी जी-20 अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं दीं।
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो ओब्रेडोर से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो ओब्रेडोर से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, व्यापार और निवेश में वृद्धि, और वैश्विक मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना की और मैक्सिको-भारत संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
'ग्लोबल साउथ' की प्राथमिकताओं पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में 'ग्लोबल साउथ' देशों की प्राथमिकताओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक मंचों पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत ने अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने की पहल की, जो भारत की नेतृत्व क्षमता और विकासशील देशों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा का महत्व
यह प्रधानमंत्री मोदी की एक दशक में कनाडा की पहली यात्रा है, जो भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया।
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भागीदारी और द्विपक्षीय मुलाकातें भारत की विदेश नीति में सक्रियता और वैश्विक मंचों पर प्रभावी नेतृत्व की ओर इशारा करती हैं।