130 दिन तक ही चली सुअर की किडनी, अब फिर से शुरू हुई महिला की डायलिसिस

punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 01:15 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका की रहने वाली टोवाना लूनी ने चिकित्सा जगत में एक अनोखा इतिहास रचा है। वह दुनिया की पहली ऐसी महिला बनीं, जिन्होंने 130 दिन तक सुअर की किडनी के सहारे जीवन व्यतीत किया। हालांकि अब कई जटिलताओं के चलते डॉक्टरों को उनके शरीर से यह किडनी निकालनी पड़ी है और टोवाना को फिर से डायलिसिस पर लौटना पड़ा है।

कब और क्यों लगाई गई थी सुअर की किडनी?

टोवाना लूनी पिछले कई सालों से गंभीर किडनी की बीमारी से जूझ रही हैं। साल 2016 से ही उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही थी और उनके शरीर ने इंसानी किडनी को बार-बार अस्वीकार कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने एक वैकल्पिक प्रयोग के तहत 25 नवंबर 2023 को उनके शरीर में जेनेटिकली मॉडिफाइड सुअर की किडनी प्रत्यारोपित की।

शुरुआत में बेहतर परिणाम मिले

शुरूआत में यह किडनी पूरी तरह काम कर रही थी, जिससे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन अप्रैल 2024 की शुरुआत में टोवाना के शरीर ने इस अंग को अस्वीकार करना शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने यह तय किया कि उन्हें जोखिम भरी दवाएं देने के बजाय किडनी को हटा दिया जाए।

टोवाना का साहस और प्रतिक्रिया

टोवाना को चिकित्सा जगत में अब लोग 'सुपरवुमैन' कहकर पुकारते हैं। किडनी हटाए जाने के बाद भी उन्होंने कोई अफसोस जाहिर नहीं किया। उनका कहना है कि नतीजा भले उम्मीदों के अनुसार नहीं रहा, लेकिन मैं खुश हूं कि मेरे अनुभव से डॉक्टरों को काफी कुछ सीखने को मिला। अगर मेरा यह प्रयास किसी और की जान बचाने में मदद करता है, तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।

क्यों नहीं टिकी सुअर की किडनी?

इस प्रोजेक्ट के प्रमुख डॉक्टरों में से डॉ. रॉबर्ट मॉन्टगोमरी ने बताया कि टोवाना पहले से ही बहुत बीमार थीं और उनके शरीर में जटिलताएं थीं। इसी वजह से किडनी ज्यादा दिन काम नहीं कर सकी। अब वैज्ञानिक कम गंभीर मरीजों पर ऐसे प्रयोग कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर न्यू हैम्पशायर के एक व्यक्ति को जनवरी 2025 में सुअर की किडनी लगाई गई थी और वह अभी भी सफलतापूर्वक काम कर रही है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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