'कारगिल युद्ध में था पाकिस्तानी सेना का हाथ', 25 साल बाद चीफ जनरल आसिम मुनीर से कबूली बात, जानें क्या कहा

punjabkesari.in Saturday, Sep 07, 2024 - 07:45 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान की सेना ने आधिकारिक रूप से पहली बार कबूल किया है कि 1999 के कारगिल युद्ध में उसकी भागीदारी थी। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना का हाथ था। पाक का यह कबूलनामा 25 साल बाद आया है। शुक्रवार (6 सितंबर) को रक्षा दिवस के मौके पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने करगिल में पाक सेना के जवानों की मौत की बात स्वीकार की।

हालांकि, अभी तक पाकिस्तान के किसी भी सेना प्रमुख चाहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) शाहिद अजीज और पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान के शामिल होने की बात मानी थी। इसके अलावा 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान पाक सेना प्रमुख जनरल रहे परवेज मुशर्रफ ने खुद कई बार इस बात को स्वीकार किया है।

जानिए पाक सेना प्रमुख ने क्या बोला?
जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी समुदाय बहादुरों का समुदाय है। जो स्वतंत्रता के महत्व और इसके लिए भुगतान करने के तरीके को समझता है। चाहे वह 1948, 1965, 1971 हो या 1999 का करगिल युद्ध, हजारों सैनिकों ने देश और इस्लाम के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इसे पाकिस्तानी सेना का पिछले 25 साल में पहला कबूलनामा माना जा रहा है। हालांकि, इससे पहले पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने पद पर रहते हुए कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा स्पष्ट बयान नहीं दिया था।

पाक कारगिल में अपनी भूमिका से इनकार करता रहा था
अब तक पाकिस्तान सन 1999 के युद्ध में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा था और दावा करता रहा था कि यह कश्मीर के "स्वतंत्रता सेनानियों" द्वारा की गई कार्रवाई थी। पूर्व सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने हमेशा दावा किया कि कारगिल अभियान एक सफल स्थानीय कार्रवाई थी।

एक इंटरव्यू के दौरान मुशर्रफ ने कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विश्वास में नहीं लिया गया था और भारत के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पर सशस्त्र बलों द्वारा लिए गए कई फैसलों के लिए सेना प्रमुख की मंजूरी की भी जरूरत नहीं थी। हालांकि, मुशर्रफ ने पूरे ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना के 10 कोर एफसीएनए (फोर्स कमांड नॉर्दर्न एरियाज) की भूमिका को स्वीकार किया था। मुशर्रफ ने कहा था कि, "शुरू में इस इलाके में मुजाहिदीन की गतिविधियां थीं। बाद में एफसीएनए ने एलओसी के 150 मील के खाली इलाके में तैनाती का फैसला किया। इसके लिए किसी से मंजूरी या इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।"

पाकिस्तानी सेना ने अपने कई सैनिकों के शव नहीं लिए
यह भी एक तथ्य है कि कारगिल से पाकिस्तानी सेना के कई सैनिकों के शव वापस नहीं लाए गए। इसके कारण उनके परिवारों ने पाकिस्तानी सरकार और सेना की शव अपने कब्जे में लेने में अनिच्छा पर सवाल उठाए थे।
कारगिल में मारे गए सेना अधिकारी कैप्टन फरहत हसीब के भाई इतरत अब्बास ने कहा, "जो अधिकारी हमसे मिलने आए हम उनसे लगातार अपने प्रियजनों के शव वापस लाने का प्रयास करने के लिए कहते रहे। मेरा मानना ​​है कि उन्हें और अधिक प्रयास करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।" उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कारगिल में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और सैनिक तैनात थे।


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Content Writer

Yaspal

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