FATF से बचने के लिए पाकिस्तान कर रहा हाफिज व आंतकियों के खिलाफ कार्रवाई का ड्रामा

punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 02:04 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान पर उसकी सरजमीं पर पल रहे आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बना हुआ है। उसे फरवरी में होने वाली फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में ग्रे लिस्ट से बाहर आना है और इसलिए वह उससे बचने के लिए नया ड्रामा कर रह है। पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को 10 साल कैद की सजा सुनाई है जो सिर्फ दिखावा है कि उसने आतंक के खिलाफ कितने कदम उठाए हैं। अक्टूबर में हुई FATF की पूर्णकालिक बैठक में भी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ काम न करने पर ग्रे लिस्ट में ही रखने पर सहमति बनी थी।

 

FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने उसकी 27 कार्ययोजनाओं में से केवल 21 को ही पूरा किया है। इसमें भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई न करना भी शामिल था। जानकारों का कहना है कि कोर्ट के सजा देने का असर सईद पर नहीं पड़ने वाला है। उसे जल्द ही नजरबंद कर दिया जाएगा और उसकी संपत्ति भी वापस कर दी जाएगी। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी।

 

इब्राहिम 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद भारत के लिए सबसे वांछित आतंकवादी बन कर उभरा है। हाफिज सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर ही 2008 में हुए मुंबई हमले के लिये जिम्मेदार था। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को खास तौर पर वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत दिसंबर 2008 में उसे आतंकी सूची में डाला गया।

 

बता दें कि  FATF द्वारा ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान में आंतकियों के खिलाफ दिखावे की कार्रवाई जारी है। पाकिस्तानी अदालत ने शुक्रवार को आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में आतंकी सरगना हाफिज सईद के एक और सहयोगी को सजा सुनाई। लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा से जुड़े मुहम्मद अशरफ को छह साल के कारावास  की सजा का एलान किया है। साथ ही उसपर 10 हजार का जुर्माना लगाया।

 

न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने दोनों पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। गुरुवार को इसी अदालत ने जमात प्रमुख हाफिज सईद को दस साल कैद और उसके दो साथियों- जफर इकबाल और याह्या मुजाहिद को साढ़े दस साल कैद की सजा सुनाई थी। जबकि सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने कैद की सजा सुनाई गई थी। इन सभी को भी आतंकियों को धन मुहैया कराने के लिए सजा सुनाई गई है।


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Tanuja

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