पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए UAE ने लिया बड़ा फैसला

punjabkesari.in Saturday, Jan 14, 2023 - 04:01 PM (IST)

दुबईः आर्थिक तंगी और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान  को दिवालिया होने से बचाने के लिए UAE ने  बड़ा फैसला लिया है। सऊदी अरब के बाद अब संयुक्त अरब अमीरात ने भी पाकिस्तान के लिए खजाना खोल दिया है।  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने गुरुवार को मौजूदा 2 अरब डॉलर के कर्ज को रोलओवर करने (कर्ज चुकाने की अवधि आगे बढ़ाना) और एक अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देने पर सहमति जताई है।

 

UAE की ओर से मिली 3 अरब डॉलर की सहायता राशि पाकिस्तान के लिए राहत देने वाली है क्योंकि पाकिस्तान को अगले छह महीने में 13 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। हालांकि, नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके विदेशी मुद्रा भंडार के कारण पाकिस्तान डिफॉल्ट के खतरे से पूरी तरह से उबर नहीं पाएगा। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर नौ वर्ष के निचले स्तर पर आ गया है। गुरुवार को पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 4.34 अरब डॉलर रह गया। यह राशि फरवरी 2014 के बाद से सबसे कम है। ये धनराशि एक महीने के राशन की चीजों के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है। बता दें कि देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा के गंभीर संकट ने पाकिस्तान को विदेशी संपत्ति बेचने पर मजबूर कर दिया है।

 

 द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दो दिवसीय UAE के दौरे पर हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह दौरा अहम माना जा रहा है। गुरुवार को अबूधाबी पहुंचने के बाद उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। UAE की ओर से पाकिस्तान को यह मदद तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बड़े पैमाने पर बाढ़ के नुकसान और व्यापक आर्थिक मंदी के बीच डिफॉल्ट के खतरों से पार पाने के लिए दिया गया है। इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी पाकिस्तान को राहत देने के लिए सहायता और निवेश राशि बढ़ाने का आदेश दिया था। 

 

UAE ने गुरुवार को मौजूदा 2 अरब डॉलर के कर्ज को चुकाने की मोहलत भी बढ़ा दी है। कर्ज चुकाने की मोहलत बढ़ाने से पाकिस्तान को अगले कुछ दिनों में IMF कार्यक्रम से भी मदद मिलने में आसानी होगी। UAE के इस फैसले से पाकिस्तान अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा सकता है और आयात पर कड़े नियंत्रण को समाप्त कर सकता है। आयात पर लगे कड़े नियंत्रण के कारण ही पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। पाकिस्तान को जनवरी से जून 2023 तक 13 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना है. यूएई की इस मदद से पाकिस्तान की कर्ज देनदारी एक-चौथाई कम हो जाएगी।कुल 13 अरब डॉलर कर्ज में से पाकिस्तान अब तक लगभग 1.2 अरब डॉलर का भुगतान कर चुका है। UAE के लोन रोलओवर के बाद पाकिस्तान को अब लगभग 10 अरब डॉलर चुकाने होंगे। यही नहीं पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने के खतरे को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण कार्यक्रम के तहत लोन के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 


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Content Writer

Tanuja

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