पाकिस्तान में राजनीतिक भूचाल, क्या फील्ड मार्शल असीम मुनीर बनेंगे नया सुप्रीम लीडर?
punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 03:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान में हाल ही में हुई कई हाई-लेवल बैठकों ने राजनीतिक माहौल को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर के बीच लगातार उच्चस्तरीय बैठकें हुई हैं। इन बैठकों के बाद राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। खासकर ये चर्चा जोरों पर है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जल्द ही अपना इस्तीफा दे सकते हैं और उनके स्थान पर सेना प्रमुख असीम मुनीर राष्ट्रपति पद संभाल सकते हैं।
हाई-लेवल बैठकें और राजनीतिक हलचल
पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में इस समय हलचल बहुत तेज है। मंगलवार को शाम के वक्त इन तीनों नेताओं की लगातार मुलाकातें हुईं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और बाद में सेना प्रमुख असीम मुनीर से भी बातचीत की। यह सिलसिला इस कदर महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि मीडिया और सोशल मीडिया पर खबरें चल रही हैं कि ये बैठकें किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की तरफ इशारा कर रही हैं।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का इस्तीफा?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलकर कहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार भी किया कि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मीडिया में फैल रही खबरें पत्रकारिता की साख को नुकसान पहुंचा रही हैं। बावजूद इसके कुछ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जल्द ही पाकिस्तान में राष्ट्रपति प्रणाली शुरू हो सकती है, जहां सेना प्रमुख असीम मुनीर को देश का नया सुप्रीम लीडर बनाया जा सकता है।
27वां संविधान संशोधन और राजनीतिक प्रणाली में बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के संविधान में 27वां संशोधन किया जा सकता है। इस संशोधन के जरिए देश की राजनीतिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव होगा। ऐसा माना जा रहा है कि संसदीय प्रणाली को खत्म कर राष्ट्रपति प्रणाली लागू की जा सकती है, जहां सारी शक्ति राष्ट्रपति के पास होगी। वर्तमान में तो यह ताकत प्रधानमंत्री के पास है। यदि यह संशोधन होता है तो असीम मुनीर को वही शक्तियां मिल सकती हैं जो पहले जनरल परवेज मुशर्रफ के पास हुआ करती थीं।
सेना प्रमुख असीम मुनीर और उनकी राजनीतिक भूमिका
असीम मुनीर फिलहाल पाकिस्तान के सेना प्रमुख हैं। हालांकि, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने साफ किया है कि सेना प्रमुख राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखते। उन्होंने कहा कि सेना का काम देश की रक्षा करना है न कि राजनीति में हस्तक्षेप करना। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब पाकिस्तान की राजनीति में “हाइब्रिड मॉडल” साफ नजर आने लगा है, जिसमें सेना और निर्वाचित सरकार दोनों मिलकर देश की सत्ता चला रहे हैं। ऐसे में असीम मुनीर को नया राजनीतिक नेतृत्व मिलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
राजनीतिक बैठकों में कौन-कौन थे शामिल?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मिले तो उनके साथ कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। इनमें ख्वाजा आसिफ, अहसान इकबाल, आजम नज़ीर तरार, मोहसिन नकवी और प्रधानमंत्री के सलाहकार राणा सनाउल्लाह शामिल थे। यह दर्शाता है कि यह बैठकें बेहद गंभीर और अहम मुद्दों पर हुईं।
पत्रकारिता और मीडिया की भूमिका
पाकिस्तानी मीडिया में इस मामले को लेकर काफी विवाद हो रहा है। कई यूट्यूब चैनल्स जो इस विषय पर खुलकर बात कर रहे थे उन्हें ब्लॉक कर दिया गया। मीडिया पर सेंसरशिप की बातें भी सामने आ रही हैं। यह सवाल उठता है कि जब राजनीतिक अस्थिरता चरम पर हो तो मीडिया की स्वतंत्रता कितनी सुरक्षित रहती है।
क्या है पाकिस्तान का "हाइब्रिड मॉडल"?
“हाइब्रिड मॉडल” का मतलब है सेना और नागरिक सरकार का मिलकर देश की सत्ता चलाना। यह मॉडल पाकिस्तान में कई सालों से चल रहा है, लेकिन अब इसे पर्दे के पीछे नहीं बल्कि खुलेआम स्वीकार किया जा रहा है। ख्वाजा आसिफ ने इसे सफल बताया है और कहा कि यह मॉडल पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर भी मान्यता दिला चुका है। इस मॉडल के तहत देश में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जाती है।