पाकिस्तान में फिर तख्तापलट की आशंका, जरदारी की सत्ता पर उठे सवाल आसिम मुनीर हो सकते हैं नए राष्ट्रपति!
punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 08:53 PM (IST)

National Desk : इस्लामाबाद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में एक बार फिर तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है और मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को उनके पद से हटाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस पूरे घटनाक्रम में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं, और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह स्वयं पाकिस्तान के अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं।
जुलाई फिर बना खतरे का महीना
गौरतलब है कि 5 जुलाई 1977 को जनरल ज़िया-उल-हक ने पाकिस्तान में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को सत्ता से बेदखल कर दिया था। अब, उसी तारीख के आसपास तख्तापलट की नई अटकलें सामने आना राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर रही हैं।
क्या आसिम मुनीर खुद बनेंगे राष्ट्रपति?
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार सैयद के हवाले से खबर सामने आई है कि जनरल आसिम मुनीर राष्ट्रपति जरदारी को हटाने की योजना पर काम कर रहे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस योजना में शरीफ परिवार की कोई भूमिका है या नहीं। इस बीच यह भी सवाल उठ रहे हैं कि यदि जरदारी पद छोड़ने को तैयार हो जाते हैं, तो क्या फील्ड मार्शल आसिम मुनीर स्वयं राष्ट्रपति बनेंगे? इन तमाम अटकलों के बीच पाकिस्तान की सियासी ज़मीन खिसकती नजर आ रही है।
बिलावल भुट्टो के बयान से बढ़ी हलचल
इस राजनीतिक संकट के बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक विदेशी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि "हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।" इस बयान के बाद पाकिस्तान में सियासी बवाल मच गया है। हाफिज सईद का बेटा इस बयान पर सफाई देने के लिए सामने आया है। वहीं, बिलावल के इस बयान को सेना के खिलाफ आवाज के तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के सियासी समीकरण बदल रहे हैं
राष्ट्रपति को हटाने की चर्चाओं के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। एक ओर जहां तख्तापलट का विरोध शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर जनता के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जुलाई के इस महीने में पाकिस्तान को नया तानाशाह मिलेगा या फिर सड़कों पर हिंसा और अस्थिरता का नया दौर शुरू होगा? ऐसे हालात में पाकिस्तान के कुछ नेता भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं, लेकिन मौजूदा परिदृश्य में यह स्पष्ट नहीं है कि राजनीतिक संकट से निकलने का रास्ता क्या होगा।