पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज, अविश्वास प्रस्ताव को तैयारी में विपक्षी गंठबंधन

punjabkesari.in Thursday, Jan 13, 2022 - 01:36 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान विपक्षी दलों के गठबंधन ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के आंदोलन को तेज करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने बुधवार को कहा कि 25 जनवरी को सरकार विरोधी विपक्षी गठबंधन के वरिष्ठ नेतृत्व की बैठक होगी। इसमें प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विकल्प पर विचार किया जाएगा। मौलाना फजलुर ने नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए  कहा  सरकार विरोधी गठबंधन दल मौजूदा सरकार को तत्काल बर्खास्त करने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

 

फजल ने कहा कि हम सरकार के गठबंधन दलों से पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित और आम आदमी के बारे में सोचने की अपील करते हैं। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख ने कहा कि सरकार के खिलाफ लंबा विरोध शुरू निकालना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने के लिए पीडीएम 23 मार्च को राजधानी की ओर मार्च शुरू करेगी।

 

मौलाना फजलुर  ने आगे कहा कि 25 जनवरी को होने वाले सर्वदलीय सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ लंबा मार्च निकालने की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को आम आदमी की शिकायतों का एहसास नहीं है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार को एक स्वतंत्र राज्य को फिर से उपनिवेश बनाने का अधिकार नहीं देते हैं। पीडीएम प्रमुख ने खैबर पख्तूनख्वा में स्थानीय सरकार के आगामी दूसरे चरण के चुनाव के बारे में भी जानकारी दी।

 
74 साल के इतिहास में PM इमरान की PTI सरकार सत्ता में आने के लिए सबसे अक्षम पार्टीः  शाहबाज शरीफ
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता शाहबाज शरीफ ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश के 74 साल के इतिहास में पीटीआई सरकार सत्ता में आने के लिए सबसे अक्षम पार्टी है। उन्होंने कहा कि देश सबसे कठिन दौर के समय से गुजर रहा है। पीएमएल-एन के अध्यक्ष ने कहा कि फजल से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई और इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में इस विकल्प पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तानी नागरिकों के हितों से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के हितों और एजेंडे को प्राथमिकता दे रही है।

 


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Content Writer

Tanuja

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