अंतरराष्ट्रीय जिहादी ताकतों के सिर उठाने के पीछे हैं PAKका हाथ

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2016 - 03:43 PM (IST)

न्यूयार्क:पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय जिहादी ताकतों को ‘‘शह’’ दे रही थी और यह आईएसआईएस के सिर उठाने में भी शामिल हो सकती है । एक अमरीकी दैनिक ने कई विदेशी संघर्षो में पाकिस्तान का ‘‘हाथ होने ’’ पर एक कड़ा लेख लिखा है । न्यूयार्क टाइम्स ने अपने संपादकीय लेख में लिखा है कि विशेषज्ञों ने एेसे ‘‘बहुत से सबूत’’ पाए हैं जो यह बताते हैं कि पाकिस्तान ने तालिबान के अभियान में योगदान दिया । दैनिक ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा है , ‘‘ यह व्यवहार केवल अफगानिस्तान के लिए एक मुद्दा नहीं है ।

पाकिस्तान कई विदेशी संघर्षो में हस्तक्षेप कर रहा है ।’’  इसमें कहा गया है, ‘‘ इसकी खुफिया सेवा ने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मुजाहिदीन बलों के प्रबंधक के रूप में काम किया जिनमें से बहुत से सुन्नी चरपमंथी थे और यहां तक अटकलें लगाई गई हैं कि वह इस्लामिक स्टेट के सिर उठाने में भी शामिल रहा है ।’’  दैनिक ने लिखा है कि भले ही पाकिस्तान तालिबान और अल कायदा को शह देने की बात से इंकार करता हो और भले ही यह कहता हो कि वह खुद आतंकवाद का शिकार रहा है लेकिन ‘‘कई विश्लेषकों के पास विस्तृत ब्यौरा है कि कैसे सेना ने घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय आंदोलनों विशेष रूप से पश्तून समुदाय के आंदोलन को दबाने के लिए इस्लामिस्ट आतंकवादी समूहों का औजार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उनको पाला पोसा ।

न्यूयार्क टाइम्स की उत्तर अफ्रीकी मामलों की पत्रकार कार्लोटा गाल ने लिखा है, ‘‘ पाकिस्तान अफगानिस्तान को अपना हिस्सा मानता है । अपने चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को वहां अपना प्रभाव जमाने से रोकने के लिए और अफगानिस्तान को सुन्नी इस्लामिस्ट समूह में बनाए रखने के लिए पाकिस्तान ने तालिबान का चुन- चुन कर इस्तेमाल किया । उसके एजेंडे को बढ़ावा देने वालों को शह दी और एेसा नहीं करने वालों को नेस्तनाबूद कर दिया। यही बात अल कायदा और अन्य विदेशी लड़ाकों पर लागू होती है।’’ 


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