जलवायु परविर्तन का कहरः मृत मिले खास प्रजाति के 200 हिरण

punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2019 - 05:32 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः जलवायु परविर्तन के खतरनाक परिणाम तेजी से सामने आने लगे हैं। यूरोपीय देश नार्वे में खोजकर्त्ताओं को 200 से अधिक हिरण मृत मिले हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन हिरणों की मौत भूख के कारण नार्वे आर्कटिक आर्किपेलागो ऑफ स्वालबार्ड में हुई है। नार्वेजियन पोलर इंस्टीट्यूट के तीन खोजकर्ताओं ने कहा है कि ये दुर्घटना जलवायु परविर्तन और खाने की कमी के कारण हुई है। इससे पहले ऐसी घटना कभी नहीं हुई।

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शिनहुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार संस्थान ने 40 वर्षों के लिए स्वालबार्ड पर जंगली हिरण के स्टॉक की मैपिंग की है क्योंकि यह टुंड्रा पारिस्थितिकी तंत्र को समझने के लिए एक प्रमुख प्रजाति है। खोजकर्ता अशील्ड ओन्विक पेडरसन का कहना है, "इतने सारे मृत जानवरों का मिलना डरावना है। यह एक भयानक उदाहरण है कि कैसे जलवायु परिवर्तन प्रकृति को प्रभावित कर रहा है। ये बस दुखद है।"

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उन्होंने आगे बताया कि स्वालबार्ड में दिसंबर में हुई भारी बारिश से जानवरों को खाना ढूंढने में काफी दिक्कत आई थी। हिरण स्वालबार्ड के चारों ओर चरते हैं, और सर्दियों में वे टुंड्रा से भोजन लेते हैं। वे स्नो से खुदाई कर सकते हैं, लेकिन बर्फ से नहीं। खोजकर्ता का मानना है कि इतने हिरणों का मृत मिलना ये उदाहरण है कि किस तरह जलवायु में परिवर्तन होने से वन्यजीवन प्रभावित हो रहा है।

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जहां ये जनावर इंसानों से काफी दूर रहते हैं। नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च के खोजकर्ता तोरकिल्ड तवेरा का कहना है कि हिरण यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में आर्कटिक पारिस्थितिक तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनका कहना है, "हिरण आर्कटिक क्षेत्रों में सबसे बड़ा शाकाहारी है। यदि यह गायब हो जाता है, ट्राम और उर्वरक नहीं खाता है, तो परिदृश्य बहुत अलग दिखाई देगा।"


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Tanuja

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