ईरान-पाकिस्तान की कठोर कार्रवाईः एक ही दिन में जबरन निकाले 12000 से ज्यादा अफगान शरणार्थी, मदद करने वालों को दी सज़ा की चेतावनी

punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 04:26 PM (IST)

International Desk: अफगानिस्तान के लिए यह एक और मानवीय संकट का दिन रहा, जब रविवार को ईरान और पाकिस्तान से 12,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेज दिया गया। तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता हामिदुल्लाह फिटरत ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्वासन अफगान शरणार्थियों के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का हिस्सा है। फिटरत ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर साझा की गई हाई कमीशन फॉर एड्रेसिंग माइग्रेंट्स’ इश्यूज की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रविवार को कुल 2,194 परिवारों के 12,666 सदस्य अफगानिस्तान लौटे। ये लोग ईरान और पाकिस्तान की सीमाओं से निकलकर निमरोज़ के पुल-ए-अब्रेशम, कंधार के स्पिन बोल्डक, हेरात के इस्लाम क़ला, हेलमंद के बहरामचा और नंगरहार के तोरखम क्रॉसिंग पॉइंट्स से देश में दाखिल हुए।

 

तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक, 1,609 परिवारों (10,533 लोग) को उनके मूल इलाकों तक पहुंचाया गया, जबकि 1,966 परिवारों को मानवीय सहायता दी गई। साथ ही दूरसंचार कंपनियों ने 1,665 शरणार्थियों को सिम कार्ड भी प्रदान किए। इससे एक दिन पहले, शनिवार को भी 12,455 अफगान नागरिकों को ईरान और पाकिस्तान से जबरन वापस भेजा गया था। पाकिस्तान में पिछले महीने शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक लाखों अफगान शरणार्थियों को हिरासत में लिया गया है या निर्वासित किया गया है। अक्टूबर में, कई अफगान शरणार्थियों ने पाकिस्तान में हो रही कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मस्जिदों से घोषणा की कि कोई भी व्यक्ति अगर शरणार्थियों को घर या दुकान किराए पर देगा, तो उसे “अपराधी” घोषित किया जाएगा।

 

 एक अफगान शरणार्थी अतीकुल्लाह मंसूर ने स्थानीय मीडिया TOLO News से कहा, “बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थी, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग शामिल हैं, पिछले 15 दिनों से हिरासत केंद्रों में बेहद कठोर परिस्थितियों में रह रहे हैं।” कई शरणार्थियों ने बताया कि पाकिस्तान सरकार न केवल उन्हें गिरफ्तार कर रही है, बल्कि उनके अस्थायी आश्रय स्थलों को भी ध्वस्त कर रही है। उन्होंने सर्दियों के मौसम को देखते हुए सरकार से अपील की है कि वह कम से कम ठंड खत्म होने तक उन्हें रहने की अनुमति दे। एक अन्य शरणार्थी ने कहा,“सर्दी शुरू हो चुकी है।

 

हमारे घरों को तोड़ा जा रहा है। अगर बाकी बचे आश्रयों को भी नष्ट कर दिया गया, तो हमारे पास सिर छिपाने की जगह नहीं बचेगी। सरकार ने स्थानीय लोगों को भी चेतावनी दी है कि जो अफगानों को घर किराए पर देंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”इस पूरी स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान और ईरान से अपील की है कि वे निर्वासन अभियान को रोकें और शरणार्थियों को सुरक्षित और मानवीय परिस्थितियों में रहने दें।
 


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Content Writer

Tanuja

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