भारत-कनाडा विवादः विपक्षी नेता एंड्रयू शीर ने पीएम ट्रू़डो पर साधा निशाना, बोला- भारत के खिलाफ सबूत हैं तो...

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2023 - 02:04 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी आतंकवादी समूह के सरगना हरदीप सिंह की निज्जर की हत्या के पीछे भारत के एजेंटों का हाथ होने के दावों के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।इस विवाद के बीच विपक्षी पार्टी के नेता एंड्रयू शीर का कनाडाई संसद में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह पीएम जस्टिन ट्रुडो पर निशाना साध रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं, "क्या आपके पास अपनी साजिश के सिद्धांतों के लिए कोई सबूत है? प्रधानमंत्री की अक्षमता ने एक प्रमुख एशियाई शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के साथ कनाडा के संबंधों को नुकसान पहुंचाया है।" कनाडाई धरती पर किसी दोषी आतंकवादी की मौजूदगी भारत की जिम्मेदारी नहीं है। 

भारत के दबाव में झुका कनाडा! खालिस्तानी समर्थकों पर सख्ती, पोस्टर-बैनर हटाने के आदेश
बता दें खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत सरकार के दबाव का असर कनाडा पर दिखने लगा है। खालिस्तानी समर्थकों पर कनाडा सरकार ने सख्ती करना शुरू कर दिया है। ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में खालिस्तान के समर्थन में लगे होर्डिंग और बैनर महत्वपूर्ण जगहों से हटाने के आदेश दिए गए हैं। खालिस्तानी समर्थकों ने अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हुए जगह-जगह पोस्टर लगाए थे। ताकि लोग इनको देखें और प्रभावित हों। लेकिन अब इनको हटाया जा रहा है। ब्रिटिश कोलंबिया प्रांस के प्रमुख इलाकों में भारी संख्या में पोस्टर-बैनर लगाए गए थे। इसके अलावा कनाडा ने अमेरिका सीमा पर भी रह रहे खालिस्तान समर्थक संगठनों को इसी तरीके से अपने प्रोपेगेंडा मटेरियल को हटाने के निर्देश दिए हैं। 

"भारत-कनाड़ा राजनयिक विवाद बढ़ने पर US करेगा बाहर रहने की कोशिश": एक्सपर्ट का दावा
भारत-कनाडा विवाद के बीच अमेरिका की तरफ से कई बयान सामने आए हैं। अमेरिका ने भारत पर लगे आरोपों पर चिंता जताई है, वहीं कनाडा की जांच का समर्थन भी किया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर अमेरिका है किसके साथ? वहीं एक राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ रहे राजनयिक विवाद के बीच अमेरिका इस मामले से खुद को बाहर रखने की कोशिश करेगा। यह मानना है राजनीतिक रणनीति फर्म सिग्नम ग्लोबल एडवाइजर्स के संस्थापक का। उनका कहना है कि जो बाइडेन कनाडा और भारत के बीच राजनयिक विवाद बढ़ने पर इससे दूर रहने की कोशिश करेंगे। अमेरिका मोदी सरकार के साथ अपने प्रगाढ़ होते संबंधों को किसी भी वजह से बाधित नहीं करना चाहेगा। 

चीन ने पश्चिमी देशों के गठबंधन की साजिश बताया
चीन ने इस विवाद को अमेरिका और पश्चिमी देशों के गठबंधन की साजिश करार दिया है। चीन के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने लिखा है कि इससे अमेरिका के नेतृत्व वाली तथाकथित मूल्य-आधारित गठबंधन प्रणाली की कमजोरी की कलई खुल गई है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने लिखा, ‘पश्चिमी देश मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं और अक्सर मानवाधिकार संबंधी मुद्दों पर दूसरे देशों की आलोचना करते हैं। भारत के लोकतंत्र के लिए उनकी प्रशंसा मुख्य रूप से भूराजनीतिक हितों और भारत को उनके चीन विरोधी गठबंधन में शामिल करने की इच्छा से प्रेरित है।

एक तरह से चीन के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने अपनी प्रतिक्रिया में न केवल भारत का पक्ष लिया है बल्कि अमेरिका को उसके तथाकथित दोहरे रुख के लिए आड़े हाथ लेने से भी नहीं चूका है। बीजिंग का मानना है कि भारत को अपने समर्थन में लाने के लिए अमेरिका, भारतीय लोकतंत्र की प्रशंसा कर रहा है, साथ ही ऐसे विवाद के जरिये उस पर दबाव भी बना रहा है। वैसे चीन के भारत के पक्ष में राय जताने के पीछे अमेरिका की आलोचना का पहलू भी जुड़ा है।

 

 


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Content Writer

Pardeep

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